अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु मास्टर्स ट्रेनर्स को दिया गया प्रशिक्षण।
विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा दिया गया क्षमता विकास से संबंधित प्रशिक्षण, मास्टर्स ट्रेनर्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न।
आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की आयुक्त सह संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी ने आज टीआरटीआई के सभाकक्ष में विभिन्न जिलों से आए मास्टर्स ट्रेनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘प्रशिक्षण एक अनवरत प्रक्रिया है’’।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई बहुमूल्य जानकारी को ना केवल अपने जिले के जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों तक पहुंचाना है, बल्कि अपने ज्ञान में भी निरंतर वृद्धि करते रहना है, ताकि एक अच्छे मास्टर्स ट्रेनर की भूमिका अदा कर सकें।
उल्लेखनीय है कि टीआरटीआई के तत्वाधान में यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा तकनीकी सहयोग दिया गया है।
इसका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं का प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों की क्षमता विकास में सवंर्द्धन करना है।
सत्र के प्रथम चरण में विभोर देव द्वारा वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अलावा वन अधिकार पत्र वितरण की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ सामुदायिक वन अधिकार एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी गई। विदित हो वन संसाधन अधिकार शासन की प्राथमिकता में है। छत्तीसगढ़ राज्य वन अधिकार पत्र वितरण के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में है।
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए अपर संचालक ए. के. गढ़ेवाल ने आदिम जाति विभाग अंतर्गत संचालित पीसीआर योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अस्पृश्यता उन्मूलन की दिशा में संविधान के अनुछेद 17 का उल्लेख करने के साथ ही अस्पृश्यता उन्मूलन अधिनियम के संबंध में विभिन्न प्रावधानों, राहत योजना एवं अधिनियम अंतर्गत दंड के प्रावधान का विस्तार से उल्लेख किया।
उपायुक्त प्रज्ञान सेठ ने आदिम जाति विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं में विशेष रूप से प्री-मेट्रिक एवं पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना का उल्लेख किया गया।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, स्वर्गीय राजीव गांधी मुख्यमंत्री बाल भविष्य योजना अंतर्गत संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय एवं अन्य योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित इन महत्वपूर्ण योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों के मध्य करने हेतु मास्टर्स ट्रेनर से आग्रह किया।
अंत्यावसायी निगम के नवीन शर्मा द्वारा जनहित में चलाई जा रही जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई। स्वच्छ भारत मिशन की स्टेट प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर श्रीमती अभिलाषा आनंद द्वारा स्वच्छ भारत के संबंध में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी गई।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा ओडीएफ सिस्टम के संबंध में किए गए प्रयासों की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई है। लोगों में जन जागरूकता बढ़ी है, जिसके कारण अब लोगों में खुले में शौच ना करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। मास्टर्स ट्रेनर से जिले में जनजातीय प्रतिनिधियों को इस संबंध में जागरूक करने का आग्रह किया गया।
खाद्य विभाग की सहायक संचालक सुश्री सीमा अग्रवाल द्वारा पीडीएस सिस्टम के बारे में बताया गया कि देश में वर्ष 1951 से ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली अस्तित्व में है, जबकि जून 1997 से देश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली प्रारंभ की गई है, जिसके अंतर्गत लक्षित वंचित समूह को प्राथमिकता के आधार पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने अंत्योदय परिवार, प्राथमिकता वाले परिवार एवं सामान्य परिवार के मध्य अंतर बताते हुए टीपीडीएस प्रणाली में किए गए विभिन्न प्रावधानों को विस्तार से बताया। साथ ही सरकार द्वारा टीपीडीएस प्रणाली के अंतर्गत् पोषण सुधार के संबंध में किए जा रहे प्रयासों के संबंध में जानकारी दी गई।
महिला बाल विकास विभाग की उपायुक्त श्रीमती श्रुति नेरकर ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य गठन के बाद से राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के संर्वागीण विकास हेतु विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की गई हैं, जिससे छत्तीसगढ़ में आज ना केवल महिला साक्षरता में वृद्धि हुई है, बल्कि हर क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है।
उन्होंने ग्रामीण महिलाओं में पोषण स्तर को सुधारने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख भी किया। समाज कल्याण विभाग की विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के संबंध में श्री अनिल गंगेश द्वारा जानकारी दी गई।