अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं का प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन सुनिश्चित करने हेतु मास्टर्स ट्रेनर्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ।
छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं का प्रभावी शासन और प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इन संस्थाओं के चुने हुए जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों की क्षमता विकास से संबंधित दो दिवसीय प्रशिक्षण आज आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) नवा रायपुर अटल नगर के सभाकक्ष में प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण सत्र के प्रथम दिन आज जिलों से मनोनीत कुल 54 मास्टर्स ट्रेनर्स ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आयुक्त सह संचालक टीआरआई श्रीमती शम्मी आबिदी ने संक्षेप में प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य बताया। उन्होंने जिलों से आए मास्टर्स ट्रेनर्स से आग्रह किया कि वे इस प्रशिक्षण सत्र का भरपूर लाभ उठाएं तथा प्रशिक्षण सत्र के दौरान आने वाले विभिन्न विषय विशेषज्ञों से अपनी सभी शंकाओं का समाधान करें, जिससे जिला स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देते समय उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।
आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं का प्रभावी प्रशासन और प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इन संस्थाओं के जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों की क्षमता विकास से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम 28-29 मार्च 2023 को टीआरआई स्थित प्रशिक्षण हॉल में आयोजित किया जा रहा है। यहां जिलों से चयनित मास्टर्स ट्रेनर्स प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अपने जिलों में जाकर जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देंगे, ताकि शासन द्वारा इस वर्ग हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की मैदानी स्तर पर सही जानकारी दी जा सके। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम को तकनीकी सहयोग संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) प्रदान कर रहा है।
प्रशिक्षण सत्र के प्रथम दिन सर्वप्रथम विषय विशेषज्ञ प्रखर जैन (पेसा समन्वयक) ने पांचवी अनुसूची के संबंध में विस्तार से बताते हुए कहा कि देश के कुल 10 राज्यों में 5वीं अनुसूची लागू है। छत्तीसगढ़ राज्य के 16 जिलों में यह पूर्ण रूप से लागू है। इसके अलावा ग्राम सभा तथा ग्राम पंचायत को पंचायती राज अधिनियम अंतर्गत प्राप्त शक्तियों की विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही 1996 में केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए पेसा (PESA) कानून के बारे में भी विस्तार से बताया गया तथा महामहिम राज्यपाल को इस संबंध में प्राप्त शक्तियों की विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण सत्र में राजस्व विभाग के पी. निहलानी ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 एवं भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास ऐक्ट 2013 के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने धारा 165(1), धारा 168, उपधारा 2, 4, 5, 6 एवं उपधारा 6 (क), उपधारा 10, धारा 170 ख आदि पर विस्तार से अपने विचार प्रकट किए। विशेष रूप से बधंक भूमि के विभिन्न प्रकारों एवं अनुसूचित क्षेत्रोें में भूमि क्रय-विक्रय के संबंध में छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 के विभिन्न प्रावधानों तथा 2013 में निर्मित भूमि अधिग्रहण, विस्थापन एवं पुनर्वास एक्ट पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रशिक्षक कमल सिंह भदौरिया द्वारा सामाजिक विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। डी. डी. तिवारी द्वारा दिव्यांगजनों से संबंधित शासन द्वारा किए जा रहे विभिन्न सुधारात्मक उपायों पर प्रकाश डाला गया। सुश्री अनुराधा द्वारा लघु वनोपज संग्रहण, प्रसंस्करण एवं वनोपज आधारित शासन की विभिन्न योजनाओं और इस पर आधारित उद्योगों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में से है एवं शासन द्वारा लगातार इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा सुश्री एलीस लकड़ा द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं बिहान के संबंध में पूरी जानकारी दी गई।
अंतिम चरण में रामधन श्रीवास द्वारा मनरेगा योजना पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों में इसके माध्यम से क्या-क्या कार्य किए जा सकते हैं और किस प्रकार हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा सकता है। कृषि विभाग के श्री उमेश तोमर द्वारा कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के डॉ. कमलेश जैन द्वारा स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला गया।