कोरोना वायरस ने एक बार फिर टेंशन देनी शुरू कर दी है।
शनिवार को देश में कोरोना के 1890 नए केस सामने आए थे जो कि 210 दिनों में सबसे ज्यादा था। रविवार को मामूली कमी देखने को मिली।
बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1805 नए केस रिपोर्ट हुए। वहीं एक सप्ताह की बात करें तो कोरोना की वजह से 29 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं एक सप्ताह पहले 19 लोगों की मौत हुई थी।
बीते साल 22 अक्टूबर के बाद शनिवार को सबसे ज्यादा मरीज पाए गए। अक्टूबर में 1988 केस मिले थे। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित लोग पाए गए हैं।
एक सप्ताह में महाराष्ट्र में 1965 मरीज मिले। गुजरात में 1579, केरल में 1333, कर्नाटक में 764, दिल्ली में 681 और तमिलनाडु में 582 केस रिपोर्ट हुए। 19 से 25 मार्च तक के सप्ताह में कुल 8781 मरीज पाए गए। उससे पहले के सप्ताह के मुकाबले संक्रमण में 78 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।
बता दें कि बीते 6 सप्ताह में देश में कोरोना संक्रण लगातार बढ़ रहा है। हालांकि डबलिंग रेट अभी कम है। अभी 8 दिनों में मामले डबल हो रहे हैं।
वहीं शनिवार तक की बात करें तो सप्ताह का औसत 1254 केस रहा। 8 दिन पहले यह औसत 626 था।
एक स्कूल में 39 लड़कियां कोरोना पॉजिटव पाई गई हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जब लड़कियों की जांच कराई गई तो 92 में से 39 लड़कियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
बताते चलें कि कोरोना वायरस बीते कुछ महीनों में बेहद कम हो गया था लेकिन खत्म नहीं हुआ था। लोगों ने अब पहले की तरह सावधानी बरतनी भी बंद करदी है। इसी बीच यह भी बता चला कि कोरोना का सब वेलिएंट एकसबीबी 1.16 भी अस्तित्व में आया है।
लोग इसे कोरोना की नई लहर की वजह भी बता रहे हैं। कुछ दिन पहले ही कोरोना चीन में तबाही मचा रहा था। ऐसे में यह कहना बिल्कुल जायज है कि सभी को कोरोना से सावधान रहने की जरूरत है।
राहत की बात यह है कि एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। यह हल्का वायरस है और इसके प्रभाव सीमित हैं।
इस वायरस के संक्रमण से अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती है। हालांकि लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।