छत्तीसगढ़ के भिलाई में पूनम गुप्ता सुसाइड केस सभी के रोंगटे खड़े कर देना वाला मामला है। दहेज के लालची ससुराल वालों ने उसे इतना प्रताड़ित किया कि पूनम ने मौत को गले लगाना सही समझा।
उसने अपने ऊपर 5 लीटर मिट्टी का तेल डाला और खुद को आग के हवाले कर लिया। मरने से पहले हुए बयान में पूनम ने मजिस्ट्रेट को भी यही बताया।
हालांकि भास्कर की खबर के बाद छावनी पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया है। पूनम गुप्ता की मौत के बाद से उसके माता पिता बहन की रो-रोकर हाल खराब है।
उसकी छोटी बहन आरती ने बताया कि उसकी दीदी से बात होती थी तो वो काफी रोती थी। वो बोलती थी कि मैं बहुत गलत जगह फंस गई हूं।
यहां दहेज की बात को लेकर उसका पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी और ननद ताने देते हैं। उसे कुत्ते की तरह मारते हैं। खाना, पानी नहीं देते। पूनम के पिता अशोक गुप्ता ने अपने दामाद अनिल गुप्ता से बात करते तो वो ऐसा कुछ नहीं होने की बात कहता।
1 फरवरी 2023 को पूनम की सिजेरियन डिलेवरी हुई। उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बेटी पैदा होने की बात से ससुराल वाले इतने आग बबूला हो गए कि उन्होंने पूनम की देखभाल भी नहीं की।
दो दिन बाद पूनम को मारापीटा और 5 फरवरी को उसे घर से भगा दिया। मोहल्लेवासी शुभम गुप्ता ने बताया कि पूनम अपनी बच्ची को लेकर जा रही थी, तो उन लोगों ने उसे रोका और उसके मां बाप को फोन लगाकर पूरी बात बताई।
इसके बाद समझा बुझाकर उसे फिर से ससुराल भेजा। इसके कुछ दिन बाद 15 मार्च की रात पूनम के जलने की खबर आई। उसे सेक्टर 9 हॉस्पिटल के बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया, जहां 90 प्रतिशत जल जाने के चलते 23 मार्च की सुबह उसने दम तोड़ दिया।
गरीब के चलते पिता ने सामाजिक सम्मेल में किया था विवाह
सरगुजा जिले के अंबिकापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत केनाबांध बौरीपारा गांव निवासी अशोक कुमार ने बताया कि वह काफी गरीब है।
इसके चलते उसने अपनी बेटी का विवाह सामाजिक रीति रिवाज से सामाजिक सम्मेलन में 17 अप्रैल 2022 को भिलाई निवासी अनिल गुप्ता से किया था।
शादी के समय ही उसने ससुराल वालों को बोला था कि वो बहुत गरीब है, उसके बाद बेटी का ही धन है। शादी के बाद जैसे ही पूनम भिलाई गई ससुराल वालों ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
सास, ननद और जेठानी करते से सबसे अधिक परेशान
पूनम की सास शैल कुमारी, ननद ज्योति गुप्ता और जेठानी शालिनी गुप्ता उसे हर दिन परेशान करते थे। उससे घर का पूरा काम कराने के साथ ही मारते पीटते थे।
इस गलत कार्य में पूनम का पिता अनिल गुप्ता, ससुर उमाशंकर गुप्ता और जेठ संजय कुमार गुप्ता भी पूरा साथ देते थे। बेटी पैदा होने पर तो उन्होंने पूनम से झगड़ा करके मारपीट किया कि वो खुद दहेज लाई नहीं है, साथ में एक बेटी और पैदा कर दी। उसकी शादी और पालन पोषण का खर्च कौन उठाएगा।
छावनी पुलिस की कार्यशैली पर परिजनों ने उठाए सवाल
पूनम के पिता अशोक गुप्ता ने छावनी पुलिस की कार्यशैला पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 15 मार्च को बेटी के जलने के बाद वो थाने पहुंचे थे।
वहां उनकी रिपोर्ट न लिखकर मामले को दबाने की बात की गई। पुलिस वालों ने कहा कि पहले बेटी का इलाज कराओ। रिपोर्ट बाद में भी लिखा सकते हो।
इसके बाद जब बेटी की मौत हो गई, तभी पुलिस की मानवता नहीं जागी। बेटी का पिता दहेज हत्या का मामला दर्ज करने की गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस ने उसे उसके आवेदन की रिसीविंग तक देना मुनासिब नहीं समझा।
मौत के तीन दिन बाद लिखी गई शिकायत
अशोक कुमार का कहना है कि उसकी बेटी ने इलाज के दौरान 23 मार्च को सुबह 6 बजे दम तोड़ दिया। वो अपने परिवार के साथ तीन दिन से छावनी थाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन पुलिस इसका मामला दर्ज नहीं कर रही है।
हालत यह है कि उसके आवेदन की पावती तक 25 मार्च को दोपहर दी गई, जिसमें 24 मार्च की रिसीविंग दी गई है।
अशोक कुमार का कहना है कि लड़का और उसके परिवार वाले उसे धमकी देकर खुलेआम घूम रहे हैं और वो अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए पुलिस से मिन्नत कर रहा है। आखिर शनिवार को देर रात मामला दर्ज किया गया।
दुर्ग एसपी ने सीएसपी छावनी को दिए निर्देश
भास्कर ने जैसे ही मामले की जानकारी दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव को दी, उन्होंने छावनी सीएसपी आशीष बंछोर को बुलाया और मामले की जानकारी ली।
एसपी ने सीएसपी को कहा कि वो लड़की के परिजनों की शिकायत लेकर तुरंत दहेज हत्या का मामला दर्ज करें और आरोपियों की गिरफ्तारी करें।
एसपी के निर्देश शनिवार 25 मार्च की रात आरोपी पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी और ननद के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया गया। खबर लिखे जाने तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।