कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट से मिले झटके के बाद एक बार फिर विपक्ष लामबंद होता नजर आ रहा है।
पार्टी ने शुक्रवार को विपक्ष की एक बैठक बुलाई है। इससे पहले कांग्रेस ने प्रदेशों में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी भी की है। साल 2019 में एक भाषण के दौरान ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में कोर्ट ने राहुल को दोषी ठहराया था।
साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी।
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि शुक्रवार को यह बैठक सुबह 10 बजे हो सकती है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था, ‘यह केवल कानूनी मामला नहीं है, बल्कि बेहद गंभीर सियासी मामला भी है, जो लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा हुआ है। यह मोदी सरकार की बदले की राजनीति, डराने की राजनीति, धमकाने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति का बड़ा उदाहरण है।’
विपक्षी खेमे में क्या हैं हाल
एक ओर तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (DMK) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) समेत कई दल इस फैसले के खिलाफ प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
खास बात है कि इन दलों में आम आदमी पार्टी का नाम भी शामिल है। जबकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) और जनता दल (यूनाइटेड) मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
खबर है कि कांग्रेस शुक्रवार को सुबह करीब 11:30 बजे या दोपहर को संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च की तैयारी कर रही है।
इस दौरान कई विपक्षी दल भी उनके साथ हो सकते हैं। वहीं, सोमवार से कांग्रेस ने दिल्ली समेत कई राज्यों में प्रदर्शन की तैयारी की है। दरअसल, कोर्ट के ताजा फैसले के चलते राहुल की लोकसभा की सदस्यता पर तलवार लटक गई है।
सिसोदिया मामले पर चुप रही थी कांग्रेस
जब केंद्रीय जांच एजेंसियों की तरफ से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, तब आप को कांग्रेस की तरफ से कोई समर्थन नहीं मिला था।
उस दौरान कांग्रेस ने संकेत दिए थे कि हमारे नेताओं पर कार्रवाई के समय आप चुप रही थी। इसके अलावा आप कई मौकों पर कांग्रेस पर जमकर हमलावर भी रही है।