लंदन में भारतीय उच्चायोग से तिरंगा उतारने को लेकर ब्रिटेन में भी सियासत गर्मा गई है।
सांसद बॉब ब्लैकमेन ने साफ कर दिया है कि UK के सिख समुदाय ने खालिस्तान को नकार दिया है। इससे पहले वह बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भी सवाल उठा चुके हैं।
घटना को लेकर भारत में प्रतिक्रिया सामने आई थी और उच्चायुक्त को तलब किया गया था। कहा जा रहा है कि भारत में भी इस घटना को लेकर बड़े स्तर पर मंथन जारी है।
ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमेन ने कहा, ‘यह सिख समुदाय का बेहद छोटा सा हिस्सा है। इस देश की बहुसंख्यक सिख आबादी ने स्पष्ट तौर पर खालिस्तानी प्रोजेक्ट को नकार दिया है…। जैसे कि हम जानते हैं, ऐसा नहीं होने वाला है…। पुलिस को मेरा संदेश साफ है कि जब यह हो तो उन लोगों को गिरफ्तार करने की जरूरत है और उनके खिलाफ सही कार्रवाई हो।’
क्या था मामला
एजेंसी भाषा के अनुसार, खालिस्तानी झंडे लहराते हुए और खालिस्तानी समर्थक नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने लंदन में भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे को रविवार शाम उतारने का प्रयास किया।
भारत ने अपने उच्चायोग की सुरक्षा को लेकर ब्रिटिश सरकार के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया और परिसर में समुचित सुरक्षा व्यवस्था की कमी पर सवाल उठाया।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर भी उठाए थे सवाल
सांसद ब्लैकमेन ने गुजरात दंगों को लेकर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने इसे ‘प्रोपेगैंडा वीडियो’ करार दिया था। उन्होंने कहा था, ‘तथाकथित डॉक्यूमेंट्री प्रोपेगैंडा वीडियो ज्यादा है।
दो पार्टस की सीरीज… घटिया पत्रकारिता का नमूना है, जिसमें नरेंद्र मोदी पर गुजरात का मुख्यमंत्री रहते और बाद में प्रधानमंत्री रहते हमला किया गया है।’
उन्होंने यह तक कह दिया था कि इसका प्रसारण बीबीसी पर नहीं होना चाहिए था, क्योंकि बीबीसी की प्रतिष्ठा दुनियाभर में है।