निगम ने 4 इंजीनियरों की बनाई टीम, 7 दिनों के अंदर पेश करेंगे अपनी रिपोर्ट…

भिलाई नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 65 सेक्टर-7 में निर्माणाधीन इंडोर स्टेडियम 19 मार्च को गिर गया था।

इस मामले को भाजपा ने आड़े हाथों लेते हुए इसे निगम सरकार का खुला भ्रष्टाचार बताया था। इस मामले में निगम कमिश्नर रोहित व्यास ने 4 इंजीनियरों की जांच कमेटी गठित की है।

कमिश्नर ने 7 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। निगम कमिश्रन रोहित व्यास ने कहा कि निर्माणाधीन स्टेडियम गिरना बड़ी घटना है।

इस निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं ये जांच के बाद कहा जाएगा। निगम कमिश्नर का कहना है क भवन गिरने के कई कारण हो सकते हैं।

जांच टीम ये देखेगी कि इस भवन के निर्माण में टेक्निकल खामी थी या फिर निर्माण सामग्री में लापरवाही बरती गई है। जांच टीम सभी पहलों की जांच करेगी।

टीम स्टेडियम का निर्माण करने वाली फर्म मेसर्स किरण कंपनी के प्रोपराइटर से भी पूछताछ करेगी। साथ ही उन इंजीनियर्स से भी पूछताछ की जाएगी, जिनकी निगरानी में ये निर्माण हुआ है।

जांच टीम में ये अधिकारी शामिल
1. दीपक कुमार जोशी (अधीक्षण अभियंता, अध्यक्ष)
2. बी. के. देवांगन (अधीक्षण अभियंता, सदस्य)
3. संजय बागडे (कार्यपालन अभियंता, सदस्य)
4. विनिता वर्मा (सहायक अभियंता, सदस्य)

नेता प्रतिपक्ष ने कलेक्टर से की मामले की शिकायत
एक तरफ जहां निगम कमिश्नर ने मामले में जांच टीम गठित की है, वहीं इस मामले को भिलाई निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, वरिष्ठ पार्षद पीयुष मिश्रा व अन्य ने आड़े हाथों लिया है।

उन्होंने कई पार्षदों के साथ दुर्ग जाकर कलेक्टर से मामले की शिकायत की है। नेता प्रतिपक्ष ने कलेक्टर को बताया कि सेक्टर 7 के विकास कार्यों में सिंडीकेट काम कर रहा है।

वहां दो कार्य हो रहे हैं दोनों एक ही एजेंसी कर रही है। इतना ही नहीं उन सभी निर्माण कार्यों का बिल भी एक ही इंजीनियर से बनवाया गया है।

बिना बीएसपी की एनओसी के कैसे हो रहा निर्माण
भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा ने कहा कि बिना भिलाई इस्पात संयंत्र की अनापत्ति प्रमाण पत्र के स्थाई निर्माण कराया जा रहा था। बीएसपी ने इस निर्माण को अवैध घोषित कर तत्काल हटाने का नोटिस नगर निगम भिलाई को जारी किया है।

शासन ने भी यही निर्देश दिया है कि भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि पर बिना अनापत्ति प्रमाण लिए निर्माण करना नियम विरुद्ध है।

इसके बावजूद नगर निगम भिलाई के अधिकारियों ने बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए भिलाई टाउनशिप के क्षेत्र में निर्माण कार्य कराया और करा रहे हैं।

यदि बीएसपी ने इन निर्माण कार्य को अवैध घोषित कर हटा दिया तो भिलाई की जनता के करोड़ों रुपए जो बर्बाद होंगे उसका जिम्मेदार कौन होगा।

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