आज है मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त…

प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):

हर माह दो त्रयोदिशी पड़ती हैं जिनमें प्रदोष व्रत रखा जाता है। पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में पड़ता है तो दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। मार्च माह का दूसरा प्रदोष व्रत चैत्र मास (Chaitra Maas) के कृष्ण पक्ष की त्रयोदिशी तिथि यानी की आज है। मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ने के कारण इस प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। जानिए इस प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि। 

वि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

19 मार्च के दिन चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदिशी तिथि सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन अगले दिन 20 मार्च सुबह 4 बजकर 56 मिनट पर होगा। वहीं, प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 19 मार्च शाम 6 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त में पूजा करना बेहद फलदायी माना जाता है। 

रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि

  • रवि प्रदोष व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना जाता है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे से साढ़े 5 बजे के बीच माना जाता है। 
  • ब्रह्म मुहूर्त में निवृत्त होकर स्नान किया जाता है। 
  • इसके पश्चात भक्त व्रत का संकल्प लेते हैं और भगवान शंकर (Lord Shiva) का ध्यान करते हैं। 
  • इसके बाद तांबे के लोटे में जल, सिंदूर और साथ ही गुड़ आदि डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। 
  • सुबह ही भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही, भगवान शिव के पूरे परिवार का पूजन करना बेहद शुभ होता है। 
  • शुभ मुहूर्त में पूजा करने के लिए भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर फूल, माला, बेलपत्र, धतूरा और दूर्वा आदि अर्पित किए जाते हैं। धूप जलाई जाती है और भोग लगाते हैं। 
  • शिव मंत्र, शिव चालीसा, शिव भजन, शिव आरती (Shiv Aarti) और शिव कथाएं गाना व सुनना इस दिन बेहद शुभ कहते हैं। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वार्ता 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap