गुजरात के एक ठग किरण भाई पटेल ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का अधिकारी बताकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा ले ली।
उसे बुलेलप्रुफ गाड़ी की यात्रा और फाइव स्टार होटल की सुविधा भी दी गई। इससे पहले भी वह दो बार श्रीनगर की यात्रा कर चुका है।
इस दौरान उसने वरिष्ठ अधिकारियों के संग बैठक भी की थी। पटेल खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में रणनीति और अभियानों के लिए अतिरिक्त निदेशक के तौर पर पेश करता था।
11 दिन पहले उसकी भेद खुल गई और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, उसकी गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई थी।
गुरुवार को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद इस मुद्दे को सार्वजनिक किया गया। पटेल के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट हैं। उनके हजारों फॉलोअर्स भी हैं।
भाजपा गुजरात के महासचिव प्रदीपसिंह वाघेला भी उसके फॉलोअर्स की लिस्ट में हैं। उसने अपनी कश्मीर यात्रा के कई वीडियो और फोटो ट्विटर पर शेयर किए हैं। कई तस्वीरों में वह अर्धसैनिक बलों के जवानों से घिर देख रहे हैं। आखिरी तस्वीर 2 मार्च की है।
अपने ट्विटर बायो में उसने अपनी शैक्षणिक याग्यता का भी उन्होंने जिक्र किया है। इसमें उसने वर्जीनिया स्थित कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी से पीएचडी, आईआईएम त्रिची से एमबीए, कंप्यूटरज साइंस में एमटेक का जिक्र किया है।
पटेल ने खुद को विचारक, रणनीतिकार, विश्लेषक और कैंपेन मैनेजर बताया है। आपको बता दें कि ठग ने खुद को पीएमओ का अधिकारी बताते हुए पहली बार फरवरी में कश्मीर की यात्रा की थी।
उसके ट्वीटर हैंडल पर ऐसे कई वीडियो हैं, जिसमें वह अर्थसैनिक बल ओर पुलिस की सुरक्षा में घूमता दिख रहा है। वह पूरी सुरक्षा में बडगाम के दूधपथरी में बर्फ का आनंद लेता दिख रहा है। एक तस्वार में वह लाल चौक पर क्लॉक टॉवर के सामने पोज देता दिख रहा है।
सूत्रों का कहना है कि पटेल ने गुजरात से अधिक पर्यटकों को कश्मीर लाने और दूधपथरी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठकें भी की थी।
दो सप्ताह के भीतर अपनी दूसरी कश्मीर यात्रा के दौरान वह संदेह के घेरे में आ गया। सूत्रों ने कहा कि एक आईएएस अधिकारी जो कि एक जिला मजिस्ट्रेट भी हैं, ने पिछले महीने उसकी यात्रा के बारे में पुलिस को बताया। खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को एक ठग के बारे में सतर्क किया। उसकी कुंडली खंगालने के बाद पुलिस ने श्रीनगर के एक होटल से उसे गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों का कहना है कि दो पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उनके खिलाफ ठग का पता लगाने में विफल होने का आरोप है। गुजरात पुलिस की एक टीम भी जांच में शामिल हो रही है।