संभाग के कोटवार गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में दुर्ग में जुटे।
उन्होंने मानस भवन के पास कोटवार एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के बैनरतले धरना देकर राज्य की सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
कोटवारों का नियमितिकरण करते हुए राजस्व विभाग में संविलियन करने व मालगुजारी भूमि का मालिकाना हक देने भू राजस्व संहिता में संशोधन करने की अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदर्शन किया गया।
रैली की शक्ल में प्रदर्शनकारी मेनोनाइट चर्च, बस स्टैण्ड होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां कोटवार एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
संभागीय अध्यक्ष साहेब दास मानिकपुरी और प्रांतीय सचिव नागेश्वर चौहान संयुक्त रूप से कहा कि आजादी के पूर्व से कोटवार पीढ़ी दर पीढ़ी शासन की अंतिम कड़ी के रूप में ग्रामीण स्तर पर रहकर निष्ठापूर्वक अपनी सेवा देते आ रहे हैं।
परन्तु विडम्बना है कि कोटवारों को आज तक नियमित कर्मचारी का दर्जा नहीं मिला है।
चुनाव पूर्व कांग्रेस घोषणा पत्र में इस बात का उल्लेख किए जाने के बाद भी शासन द्वारा कोई पहल नहीं की गई है। सन 2019 में पाटन में आयोजित सम्मेलन में भी मांगो को पुरा करने का वादा किया गया था।
जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नही की गई है। इसके कारण प्रदेश के कोटवारों में शासन के प्रति असंतोष व्याप्त है।