आज कल ऑनलाइन धोखाधड़ी एक आम घटना बन गई है, जिसमें स्कैमर्स लगातार लोगों से उनकी बैंक डिटेल निकालवाने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं।
स्कैमर्स स्क्रीन के दूसरी तरफ जाकर लोगों को सीधे उनके बैंक अकाउंट से पैसे चुराने के नए तरीके खोज रहे हैं। ये साइबर अपराधी उन मासूम या अनजान लोगों का फायदा उठा रहे हैं जो आर्थिक मदद मांगने के चक्कर में इनके झांसे में आ जाते हैं।
हाल ही में रिपोर्ट किए गए एक मामले में, कर्नाटक के एक व्यक्ति को एक अनजान व्यक्ति से मिले लिंक पर क्लिक करने के बाद लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ, जिसने उसे पार्ट-टाइम जॉब प्रदान करने का वादा किया था।
धोखेबाज ने ऐसे बिछाया जाल
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 4 मार्च को कर्नाटक के मंगलुरु में रहने वाले व्यक्ति को एक अनजान नंबर से पार्ट-टाइम जॉब के संबंध में एक एसएमएस मिला।
नौकरी के अवसर के बारे में अधिक जानने के लिए पीड़ित ने अनजान कॉलर से संपर्क करने की कोशिश की जिसने बाद में उसे मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम डाउनलोड करने के लिए कहा।
जालसाज ने उसे और पैसा लगाने और निवेश किए गए पैसे को दोगुना करने के बहाने तीन काम पूरे करने का झांसा दिया।
विश्वास हासिल करने के लिए लौटाई रकम
अपनी शिकायत में, पीड़ित ने खुलासा किया कि उसे शुरू में 150 रुपये और बाद में 2,000 रुपये देने के लिए कहा गया था, जो उसे 2,800 रुपये के रिटर्न के साथ वापस मिल गया।
हालांकि, पहले कुछ कामों में धोखेबाज ने उसका विश्वास हासिल किया और बाद में उसे एक लिंक भेजकर पीड़ित को उसके नाम पर अपना अकाउंट बनाने और उसी के माध्यम से पैसे भेजने का निर्देश दिया।
बिना किसी शक के पीड़ित ने लिंक पर क्लिक किया, निर्देशों का पालन किया और स्कैमर को मांगी गई सारी जानकारी दे दी। हालांकि, लिंक पर क्लिक करने के बाद, पीड़ित ने आरोप लगाया कि उसने 4 से 8 मार्च के बीच कई बार विभिन्न बैंक खातों से 15.34 लाख रुपये खो दिए।
ठगी का एहसास होने पर पीड़ित थाने पहुंचा और बाद में सीईएन थाने में मामला दर्ज कराया गया। मामले की जांच चल रही है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि धोखाधड़ी के ऐसे मामले कोई नए नहीं हैं। समय-समय पर, हमने देखा है कि लोग अधिक पैसा कमाने के विकल्प की तलाश करते हुए धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
पिछले महीने ही मेंगलुरु का एक और शख्स इसी तरह के ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुआ था। पीटीआई द्वारा बताई गई घटना में, पीड़ित को एक अनजान नंबर से एक वॉट्सऐप मैसेज प्राप्त हुआ जिसमें डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से पार्ट टाइम कमाई की जानकारी दी गई थी।
बाद में उन्हें एक टेलीग्राम चैनल में शामिल होने के लिए कहा गया जहां उन्होंने काम के बारे में जानकारी दी गई।
लाभ लेने के बाद जालसाज ने पीड़ित को चैनल के माध्यम से एक वेबसाइट पर खुद को रजिस्टर्ड करने के लिए कहा, जहां उसने रजिस्ट्रेशन के लिए 9,000 रुपये का भुगतान किया।
इसके बाद उन्हें उनका पैसा वापस मिल गया। कुछ समय बाद जालसाज ने पीड़ित को अंतराल में और पैसा लगाने को कहा, जिसे बाद में वेबसाइट पर दोगुना दिखाया गया। कुल मिलाकर, पीड़ित ने विभिन्न लेनदेन के माध्यम से 18.43 लाख रुपये का निवेश किया।
हालांकि, बाद में जब पीड़ित ने स्कैमर्स से निवेश किए गए पैसे वापस मांगे तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। बाद में पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तो उसने शिकायत दर्ज कराई।
भले ही पुलिस इन मामलों को देखने की कोशिश कर रही है, लेकिन पैसे वापस मिलने की संभावना कम है क्योंकि ये साइबर स्कैमर्स घोटाले को चलाने के लिए तकनीक का फायदा उठाते हैं। इसलिए उन्हें ट्रैक करने और फिर पैसे निकालने में समय लगता है।
लेकिन ऐसे मामलों को रोकने के लिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि किसी भी लिंक पर क्लिक न करें या किसी ऐसे मैसेज के झांसे में न आएं जो वित्तीय लाभ या बैंकिंग सर्विसेज से संबंधित सहायता प्रदान करता हो। क्योंकि मेहनत की कमाई गंवाने के बाद रोने से बेहतर है रोकथाम।