मध्य अमेरिकी देश होंडुरास (Honduras) ने अमेरिका को झटका दिया है।
होंडुरास की राष्ट्रपति शियोमारा कास्त्रो ने कहा है कि वह चाहती हैं कि उनका देश चीन के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध की नई इबारत लिखे।
होंडुरास के इस कदम से स्व-शासित द्वीप ताइवान के साथ होंडुरास के आधिकारिक संबंध समाप्त हो जाएंगे।
अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, होंडुरास की राष्ट्रपति शियोमारा कास्त्रो ने मंगलवार रात ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने अपने विदेश मंत्री को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।
कास्त्रो ने 2021 में अपने चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि वह बीजिंग से अपने संबंध बदल लेंगी।
कास्त्रो ने लिखा है कि यह कदम “सरकारी योजना का पालन करने और सीमाओं का स्वतंत्र रूप से विस्तार करने के दृढ़ संकल्प का संकेत है।”
रॉयटर्स समाचार एजेंसी के अनुसार, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह बदली परिस्थिति को “समझने की प्रक्रिया में” है। हालांकि शियोमारा ने अपने ट्वीट में ताइवान का जिक्र नहीं किया, लेकिन चीन बीजिंग को मान्यता देने वाले देशों को ताइपे के साथ औपचारिक संबंध बनाए रखने की अनुमति नहीं देता है। यानी जो देश चीन के साथ राजनयिक संबंध रखते हैं, उन्हें चीन ताइवान के साथ संबंध रखने की इजाजत नहीं देता है।
2016 में त्साई इंग-वेन के पहली बार ताइवान के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से चीन ताइपे के शेष सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
सोलोमन द्वीप सहित कई देशों ने अपने संबंधों में बदलाव किया है।
मध्य अमेरिकी क्षेत्र, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका ने लंबे समय से अपने प्रभाव क्षेत्र के रूप में देखा है,में स्थित देश निकारागुआ ने 2021 में ताइवान के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे। अगर होंडुरास भी ताइवान से संबंध तोड़ता है, तो केवल बेलीज और ग्वाटेमाला ही औपचारिक रूप से ताइवान को मान्यता देने वाले मध्य अमेरिकी देश रह जाएंगे।
तब ताइवान के साथ दुनिया भर में सिर्फ 13 औपचारिक राजनयिक सहयोगी रह जाएगा। त्साई के पदभार ग्रहण करने से पहले यह संख्या 22 थी।