श्रीरामचरितमानस को लेकर मंगलवार को बिहार विधान परिषद में बवाल मच गया। दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर मंगलवार को श्रीरामचरितमानस को लेकर विधान परिषद में विवादित बयान देने के क्रम में अपने ही गठबंधन के नेताओं से घिरते नजर आए।
उनके आचरण से परेशान सभापति ने आखिरकार उनके विभाग का बजट पास कराए बिना ही सदन को स्थगित कर दिया।
दरअसल, सोमवार को बिहार विधानसभा में शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। मंगलवार को विधान परिषद में शिक्षा मंत्री का दांव उल्टा पड़ गया।
भोजनावकाश के बाद सदन में शिक्षा मंत्री जदयू के अलावा अपनी पार्टी राजद से ही घिर गए। चंद्रशेखर ने शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान शिक्षा पर बात रखने की बजाय फिर से श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित पक्ष सदन में रखना शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष के सचेतक नीरज कुमार ने पहले शिक्षा मंत्री की आलोचना की।
जदयू एमएलसी ने शिक्षा मंत्री की लगाई क्लास
नीरज कुमार ने इससे पहले शिक्षा मंत्री के विवादित बोल को सदन की कार्यवाही का हिस्सा बनाने से सभापति से रोक लगाने की मांग की।
यही नहीं, नीरज ने शिक्षा मंत्री को रामायण, श्रीमदभगवदगीता, कुरानशरीफ और बाइबिल के विभिन्न प्रसंगों का जिक्र करते हुए नसीहत दी।
विमल सूरज कुमार ने कहा कि देश धार्मिक ग्रंथों से नहीं संविधान से चलता है। नीरज कुमार को निर्दलीय सदस्य महेश्वर सिंह और सत्ता पक्ष के उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह का भी साथ मिल गया।
नीरज कुमार का शिक्षा मंत्री पर तीखा तंज
दरअसल, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर विधानसभा की तरह ही विधान परिषद में श्रीरामचरितमानस के अलावा और कई पुस्तक लेकर पहुंचे थे। इस दौरान वे अपने विवादित बयान को सही करार देने में जुटे रहे।
साथ ही कहा कि इन पुस्तकों पर उनके विचार को कार्यवाही का हिस्सा बना लिया जाय, लेकिन नीरज कुमार ने आपत्ति दर्ज की।
जदयू एमएलसी ने सदन में खड़े होकर कहा कि इसको कार्यवाही का हिस्सा मत बनाइए। अगर कार्यवाही का हिस्सा बनाइएगा तो हम कई कालखंडों को लेकर चर्चा करने लगेंगे। हमलोग संविधान की चर्चा करें या रामायण महाभारत या कुरान पर फंसे रहें।
राजद एमएलसी ने भी शिक्षा मंत्री की खबर ली
इसके बाद राजद एमएलसी सुनील सिंह खड़े हो गए और शिक्षा मंत्री की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि क्या हम लोग इस चर्चा को सुनने के लिए यहां बैठे हैं? शिक्षा मंत्री कैसे शिक्षा को आगे ले जाना चाहते हैं, यह खुलकर बताएं।
इसके बाद सभापति ने कहा कि आपकी भावना का हम सम्मान करते हैं, लेकिन आज इस पर चर्चा नहीं। विपक्ष ने इन विषयों पर चर्चा नहीं की है। इस पर शिक्षा मंत्री प्रो चन्द्रशेखर ने कहा कि श्रीरामचरितमानस पर चर्चा जरूरी है।
निर्दलीय विधायक ने भी शिक्षा मंत्री को नहीं छोड़ा
इसके बाद निर्दलीय महेश्वर सिंह ने कहा कि विधानसभा की बात इस सदन में आप ले आए हैं। शिक्षा में कोई जातिवाद नहीं है। अनुसूचित जाति के शिक्षक को भी हम लोग पैर छूकर प्रणाम करते हैं।
पूरे रामायण में अच्छाइयां हैं, उसको आप अपना नहीं रहे। महेश्वर सिंह ने आगे यह भी कहा कि आप जो चर्चा कर रहे हैं उस पर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। शिक्षा पर बजट है, उस पर चर्चा होनी चाहिए। चंद्रशेखर पर तंज कसते हुए कहा कि आपके स्कूल में विद्यार्थी हैं?
सभापति भी हुए परेशान नजर आए, सदन किया स्थगित
श्रीरामचरितमानस पर फिर चर्चा करने की जिद पर अड़े शिक्षा मंत्री के आचरण से सभापति देवेश चंद्र ठाकुर तंग आ गए, लेकिन वे श्रीरामचरितमानस पर बोलते रहे। इसके बाद उन्होंने कहा कि आप अपने वक्तव्य को सदन के मेज पर रख दें।
यह कार्यवाही का अंश बन जाएगा। इसके बाद मंत्री बोलना चाहा तो सभापति ने कहा आप सदन में क्या कहना चाहते हैं। शिक्षा के मुद्दे पर चर्चा चल रही थी, उस पर तो आपने कुछ कहा ही नहीं।
सभापति ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को दी बड़ी नसीहत
सभापति ने आगे कहा, बिहार की मौजूदा शिक्षा क्या परिस्थिति है, बजट में क्या प्रावधान किया गया है, उसका आपने जिक्र तो किया ही नहीं। अब उस पर चर्चा मत करिए। इसके बाद सभापति आगे बढ़ गए और मंत्री की उन्होंने एक नहीं सुनी।
हम बार-बार बजट पर चर्चा का आग्रह कर रहे हैं। हमलोग जिस मकसद से उपस्थित हैं, उस पर कोई चर्चा ही नहीं हो रही है। इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी।