गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को हो चुका है 412.21 करोड़ रूपए का भुगतान।
गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठानों की बढ़त बरकरार।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 15 मार्च को गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करेंगे, जिसमें 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान न सिर्फ अपनी सहभागिता निभा रहे हैं बल्कि निरंतर बढ़त बनाए हुए हैं।
बीते कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रहने लगी है।
आज की स्थिति में 50 फीसद से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान के अन्य गतिविधियों को स्वयं की राशि से पूरा कर रहे हैं। 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में कुल 2.13 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.25 करोड़ रूपए की राशि में से 1.92 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.33 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 45.52 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को 412 करोड़ 21 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। 15 मार्च को 7.04 करोड़ के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 419 करोड़ 25 लाख रूपए हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गए गोबर के एवज में 211 करोड़ 25 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
15 मार्च को गोबर विक्रेताओं को 4.25 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 215 करोड़ 50 लाख रूपए हो जाएगा। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 182 करोड़ 98 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 2.79 करोड़ रूपए के भुगतान के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 185.77 करोड़ रूपए हो जाएगा।