चीन और ताइवान के बीच तनाव जारी है, लेकिन हाल ही में चीनी विदेश मंत्री के एक बयान ने आशंकाएं बढ़ा दी हैं कि कि चीन अब ताइवान पर आक्रमण करने की तैयारी कर रहा है।
इतना ही नहीं मंगलवार को चीन ने अमेरिका को भी ताइवान मामले में दखल को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। यह तनाव ऐसे समय पर बढ़ता नजर आ रहा है, जब रूस और यूक्रेन के बीच पहले ही संघर्ष जारी है।
चीन के नए विदेश मंत्री किन गांग ने मंगलवार को पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उस दौरान उन्होंने कहा, ‘मातृभूमि को दोबारा जोड़ने का महान काम करना ताइवान के हमवतनों समेत सभी चीनी लोगों का पवित्र कर्तव्य है। अब इसी के साथ अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि क्या चीन की तरफ से ताइवान पर हमले की तैयारी की जा रही है?
यहां भी मिल रहे संकेत
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान में कई लोगों का मानना है कि आने वाले कुछ साल अहम होंगे, क्योंकि अगर तुलना की जाए तो चीन का मुकाबला करने में उनकी तैयारी कम है। खास बात है कि चीन इस बात से वाकिफ है और आक्रमण करने के लिए इस प्लान का इस्तेमाल कर सकता है।
यह भी कहा जा रहा है कि तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी चीन और ताइवान के एक होने की बात दोहरा चुके हैं। उन्होंने अपने भाषण में ताकत के संभावित इस्तेमाल के बगैर शांतिपूर्ण तरीके से ताइवान को एक करने की बात कही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, यह भी माना जा रहा है कि दुनिया दो गुटों में बंट गया है और इसका नजारा G20 में विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी देखा गया। चीन और रूस नजदीक आ रहा हैं। अटकलें हैं कि चीन अब रूस के साथ मिलकर अमेरिका को घेरने के लिए बड़ा कदम उठा सकता है।
इधर, चीन इस साल सैन्य खर्च भी करीब 225 बिलियन बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। खास बात है कि साल 2022 की तुलना में यह इजाफा करीब 7.2 प्रतिशत का है। अब सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (CIA) निदेशक कह रहे हैं कि अमेरिका खुफिया जानकारी बताती है कि जिनपिंग ने देश की सेना को ताइवान पर आक्रमण के लिए 2027 तक तैयार रहने के लिए कहा है।
रूस-यूक्रेन से हैं काफी अलग
अगर चीन और रूस की तुलना की जाए, तो दोनों ही देशों की रणनीतिक प्राथमिकताएं अलग हैं। अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जीडीपी वाले चीन में आर्थिक वृद्धि रूस के मुकाबले ज्यादा टिकाऊ है। वहीं ‘वर्ल्ड फैक्ट्री’ कहा जाने वाला चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था से रूस से ज्यादा बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है।
यूक्रेन से तुलना की जाए, तो ताइवान की जीडीपी तीन गुना है। साथ ही तकनीक के क्षेत्र में भी ताइवान, यूक्रेन से ज्यादा जरूरी है। इसकी वजह IT सेंटर और बड़ा चिप उत्पादक होना है।