भारत (India) ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच से पाकिस्तान (Pakistan) को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने से पहले पड़ोसी देश को अपना घर ठीक करना चाहिए।
मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के सत्र में बोलते हुए, विदेश मंत्रालय की अवर सचिव जगप्रीत कौर (Jagpreet Kaur) ने कहा कि पाकिस्तान का ध्यान दुनिया को उपदेश देने पर है कि क्या सही है और क्या गलत, जबकि उसकी अपनी आवाम लोकतंत्र से वंचित है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार जगप्रीत कौर ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बयान को खारिज करते हुए कहा, ‘हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह अपना घर ठीक करे और अपनी आबादी के मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के अपने निराशाजनक रिकॉर्ड को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करे।’
भारत की ओर से यह प्रतिक्रिया तब आई जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने जम्मू और कश्मीर को ‘अधिकृत’ कहा और भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई।
पाकिस्तान में लोग मानवाधिकार से वंचित
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में महिला, शांति और सुरक्षा पर खुली बहस में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने मंगलवार को कहा था कि भारत इस तरह के दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देना भी अयोग्य समझता है।
बुधवार के मानवाधिकार सत्र में, भारत ने कहा कि यह विडंबना है कि सात दशकों के दौरान पाकिस्तान की अपनी संस्थाओं, विधानों और नीतियों ने अपनी आबादी और उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में लोगों को इन सच्चाइयों से वंचित रखा है और सच्चे लोकतंत्र और स्वतंत्रता, समानता, सहिष्णुता और सामाजिक न्याय की उनकी आशा को खत्म कर दिया है।
मानवाधिकारों के चैंपियन के रूप में करता है दिखावा
जगप्रीत कौर ने आगे कहा ‘जहां पाकिस्तान मानवाधिकारों के चैंपियन के रूप में दिखावा करता है, वहीं उसके शीर्ष नेतृत्व ने खुले तौर पर आतंकवादी समूह बनाने, उन्हें अफगानिस्तान और भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए प्रशिक्षित करने की बात स्वीकार की है।
’ उन्होंने आगे कहा ‘ईसाई, हिंदू, सिख, अहमदिया और हजारा शियाओं को ईशनिंदा कानूनों द्वारा लक्षित किया गया है, जिसमें अनिवार्य मौत की सजा सहित कठोर दंड का प्रावधान है।’