अंग्रेजों के आने से पहले 70 फीसदी लोग पढ़े-लिखे थे, शिक्षा व्यवस्था पर मोहन भागवत ने उठाए सवाल…

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शिक्षा के व्यावसायीकरण के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार ठहराया है।

उन्होंने कहा कि आज शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लोगों को जूझना पडडता है। शिक्षा पाने के लिए लोग कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। दोनों ही चीजें दुर्लभ हैं।

भागवत ने कहा कि जब देश अंग्रेजों का गुलाम नहीं था तो यहां की 70 फीसदी आबादी साक्षर थी। तब ब्रिटेन की साक्षरता दर 17 फीसदी हुआ करती थी। 

आरएसएस चीफ रविवार को करनाल में श्री आत्म मनोहर जैन आराधना मंदिर पहुंचे थे। यहां एक मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही आम लोगों के लिए  बहुत दुर्लभ होगया है।

उन्होंने कहा, ‘अंग्रेजों के इस देश में हावी होने से पहले अपने देश की 70  फीसदी जनसंख्या शिक्षित थी। उस शिक्षा के बलबूते सब लोग अपनी-अपनी आजीविका कमाते थे। बेरोजगारी लगभग नहीं थी।

उसी समय इंग्लैंड में 17 प्रतिशत लोग साक्षर थे। यहां आने के बाद अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को वहां ले गए और अपनी शिक्षा व्यवस्था यहां लागू कर दी। इसलिए वे 70  फीसदी साक्षर हो गए और हम 17  फीसदी रह गए।’

भागवत ने आगे कहा, यह इतिहास का सच है। हमारे यहां पर शिक्षक सिखाता था। सबको सिखाता था। उसमें वर्ण और जाति का भेद नहीं था।

यहां तक की शिक्षा सबको मिलती थी। गांवों में जाकर शिक्षक सिखाता था, वह अपना पेट भरने के लिए नहीं सिखाता था बल्कि सिखाना उसका कर्तव्य था। गांव उसकी आजीविका की चिंता करता था।

भागवत ने कहा कि आज शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों का ही व्यापर बन गया है। पहले हर चीज को व्यापार के तौर पर नहीं देखा जाता था। 

धर्म पर क्या बोले थे मोहन भागवत
हाल ही में मोहन भागवत ने कहा था कि हमारे पूर्वज परंपरा के मुताबिक चलते थे। बाद में बहुत सारे लोगों ने हमारे ग्रंथों में कुछ गलता बातें भी डाल दीं।

उन ग्रंथों और परंपराओं की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, परंपरागत रूप से आने वाली चीजों के बारे में हमें जानकारी होनी चाहिए।

शिक्षा प्रणाली और आपस में बातचीत से इसे प्राप्त किया जा सकता है। विदेशी हमलों की वजह से हमारी संस्कृति का नुकसान हुआ है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap