राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा चल रही है।
इसमें 9।64 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी हिस्सा ले रहे हैं। शिक्षक भर्ती परीक्षा को कदाचार मुक्त कराना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।
भर्ती परीक्षा को सही तरीके से कराने के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की हाईलेवल कमेटी बनाई है जो परीक्षा प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।
कई भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने से सवालों के घेरे में आई गहलोत सरकार ने इस बार काफी सख्त कदम उठाए हैं। इंटरनेट सेवा को भी सुबह 6 से शाम के 6 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। यह व्यवस्था उन जिलों के लिए है, जहां परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
12 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद करने से ऑनलाइन कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। नेटबंदी का बैंकिंग सेक्टर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। कई सेवाएं बाधित हो गई हैं।
इंटरनेट बंद होने से नेट आधारित अन्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। व्हाट्सएप कॉलिंग की सुविधा भी बाधित हुई है। नेटबंदी अवधि के दौरान राजस्थान के 11 जिलों के लोग व्हाट्सएप कॉलिंग की सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
बता दें कि कॉरपोरेट सेक्टर मेंव्हाट्सएप के जरिये कई काम निपटाए जाते हैं। ग्रुप कॉलिंग के माध्यम से मीटिंग्स होती हैं और कर्मचारियों से संपर्क भी साधा जाता है। फिलहाल यह सेवा भी बाधित है।
वीडियो कॉलिंग भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक इंटरनेट सेवा बाधित होने की वजह से वीडियो चैट भी नहीं हो पा रहा है। इंटरनेट के जमाने में कई कार्य वीडियो कॉल के जरिये भी किए जाते हैं। यह सुविधा भी फिलहाल 12 घंटों के लिए बाधित है।
इंटरनेट क्रांति के इस युग में सरकार UPI पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। करोड़ों की तादाद में लोग यूपीआई के जरिये भुगतान करते हैं। नेटबंदी के कारण यह सेवा बुरी तरह से प्रभावित हुई है। लोग रेलवे और बसों की टिकटों का भुगतान भी यूपीआई के जरिये करने लगे हैं।
इसके अलावा रेस्टोरेंट में खाना खाना हो या फिर खरीदारी करना हो, ज्यादातर जगहों पर यूपीआई पेमेंट के जरिये ही भुगतान किया जाता है। इंटरनेट सेवा बाधित होने की वजह से यूपीआई पेमेंट की सुविधा भी चरमरा गई है।
आजकल लोग गूगल मैप का भी व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं। गूगल मैप के जरिये डेस्टिनेशन का लोकेशन पता कर वहां आसानी से पहुंचा जाता है।
इंटरनेट आधारित यह सेवा भी बाधित है। कैब चालक और ऑनलाइन फूड डिलीवरी एजेंट खासतौर पर गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट बंद होने से यह सेवा भी बाधित हुई है।