दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रविवार को गिरफ्तार हो चुके हैं।
इसके साथ ही दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) और खासतौर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सियासी संकटों में घिरते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, पार्टी से लेकर सरकार तक सिसोदिया का कद काफी बड़ा था। ऐसे में कई राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले इस गिरफ्तारी ने आप को टेंशन में ला दिया है। वहीं, सिसोदिया की गैरमौजूदगी सरकारी का पर भी असर डाल सकती है।
अब कौन संभालेगा 18 विभागों का काम?
बीते साल मई में दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन भी गिरफ्तार हुए थे। इसके साथ ही सिसोदिया की जिम्मेदारियों में भी इजाफा हो गया था। फिलहाल, वह सरकार में 18 विभाग संभाल रहे हैं।
हालांकि, इन सभी के बीच सबसे बड़ा झटका शिक्षा विभाग को माना जा रहा है। कहा जाता है कि सिसोदिया भी खास शिक्षा विभाग के चलते ही खासे लोकप्रिय हैं। आप उन्हें कई बार ‘भारत का सबसे अच्छा शिक्षा मंत्री’ होने का दावा करती रही है।
इसके अलावा दिल्ली सरकार में बजट सत्र भी दस्तक देने वाला है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि मार्च के पहले सप्ताह में सत्र आयोजित हो सकता है। साल 2014 में दिल्ली में सरकार बनने के बाद से सिसोदिया ही इसे पेश करते रहे हैं।
केजरीवाल के करीबी
सीएम केजरीवाल और सिसोदिया का याराना पुराना है। दोनों ही नेता राजनीति से पहले भी NGO में साथ काम कर चुके हैं। एक कार्यक्रम के दौरान सिसोदिया ने कहा था, ‘हम पार्टी के गठन से पहले भी दोस्त थे। पार्टी का सदस्य और मंत्री होने के नाते, मुझे गर्व है कि मुझे उनका भरोसा हासिल है। अगर आपका बॉस आपके ऊपर भरोसा करता है, तो आपको काम में मजा आता है…। हम एक्टिविस्ट होने के समय से साथ काम कर रहे हैं। आज मैं सीएम के तौर पर उनका सम्मान करता हूं, लेकिन हम अब भी साथ भोजन करते हैं और हमारे परिवार एक-दूसरे के साथ समय गुजारते हैं।’
कैसे होगा विस्तार?
दिल्ली के बाद पंजाब में भी सरकार बनाने के बाद अब केजरीवाल राष्ट्रीय राजनीति की ओर देख रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गुजरात में कुछ सीटें जीतने में सफलता हासिल की थी।
खबरें हैं कि सीएम भी अगले महीने विस्तार का विचार लेकर कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान का दौरा करने की तैयारी कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी से सरकार ही नहीं आप के मनोबल पर भी असर होगा।