कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों के लिए चुनाव नहीं होंगे।
पार्टी ने एक बार फिर सीडब्ल्यूसी (कांग्रेस कार्य समिति) के सदस्यों के लिए चुनाव नहीं कराने का फैसला किया है।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में संचालन समिति ने सर्वसम्मति से चुनाव नहीं कराने का फैसला किया। संचालन समिति ने सभी सदस्यों को नामित करने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को सौंप दिया है।
पार्टी ने सीडब्लूसी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया है। पार्टी सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या 23 से बढ़ाकर 35 कर रही है।
ताकि, एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी के साथ पार्टी की सबसे अहम समिति में 50 फीसदी आरक्षण 50 साल से कम आयु के सदस्यों को दिया जा सके। बैठक में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल नहीं हुए।
कांग्रेस महाधिवेशन के लिए बनाए गए शहीद वीर नारायण सिंह नगर के सभागार में हुई संचालन समिति की बैठक में सीडब्लूसी के चुनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिग्विजय सिंह और अजय माकन सहित कई नेताओं की राय थी कि सीडब्ल्यूसी के 12 सदस्यों के लिए चुनाव होने चाहिए। पर कई दूसरे सदस्य इस मत से सहमत नहीं थे।
संचालन समिति के कई सदस्यों का कहना था कि सीडब्ल्यूसी के चुनाव कराए जाने का यह बेहतर वक्त नहीं है।
उनकी दलील थी कि कई राज्यों में विधानसभा और अगले साल राज्यसभा चुनाव हैं, ऐसे में पार्टी को चुनाव नहीं कराने चाहिए। सीडब्ल्यूसी के 23 में से 11 सदस्यों को अध्यक्ष नामित करता है और 12 सदस्यों के लिए चुनाव के जरिये चुना जाता है।
सदस्यों की संख्या भी बढ़ेगी
पार्टी ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का भी फैसला किया है। पार्टी संविधान के मुताबिक अभी सिर्फ 23 सदस्य होते हैं, पर अब इनकी संख्या 35 करने का फैसला किया है।
इसके लिए पार्टी अपने संविधान में भी संशोधन करेगी। एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को संविधान के जरिये संगठन में हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी।
26 वर्षों से चुनाव नहीं हुए
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद पार्टी के अंदर यह मांग जोर पकड़ रही थी कि सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के लिए भी चुनाव कराए जाने चाहिए।
पार्टी में पिछले 26 वर्षों से सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के चुनाव नहीं हुए हैं। वर्ष 1997 में तत्कालीन अध्यक्ष सीताराम केसरी की अध्यक्षता में कोलकाता अधिवेशन के वक्त कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों के चुनाव हुए थे।