बाल देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले बालक-बालिकाओं के पुनर्वास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार करेगी सहयोग।
मुख्यमंत्री बघेल ने योजना तैयार करने के दिए निर्देश, शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार, आवास जैसी कई सुविधाओं के लिए होगा प्रावधान।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में संचालित बाल देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले बालक-बालिकाओं के पुनर्वास के लिए बड़ा निर्णय लिया है।
बाल देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालक-बालिकाओं को पुनर्वासित और पुनर्स्थापित करने के लिए राज्य सरकार सहयोग देगी।
इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पुनर्वास योजना में बालक-बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक आर्थिक सहायता की व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को योजना में रोजगार सुनिश्चितता, आवास सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रावधान करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि योजना का लाभ 21 वर्ष तक बालक-बालिकाओं को मिले। ऐसे युवाओं के व्यावसायिक कौशल विकास की भी व्यवस्था हो, जिससे वे स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री बघेल ने देख-रेख संस्थाओं से बाहर जाने वाले बालक-बालिकाओं के लिए योजना में सामुदायिक सामूहिक आवास की व्यवस्था का प्रावधान करने के निर्देश भी दिए हैं।