ब्रिटेन से कोहिनूर हीरे को वापस लाने की मांग दशकों पुरानी है। हाल के दिनों में यह मुद्दा फिर से तेज हो गया है।
इस बीच कंबोडियाई सरकार ने कहा है कि उसके यहां से चुराए गए बेशकीमती आभूषण उसे वापस मिल गए हैं।
इन आभूषणों को पिछले साल लंदन में देखा गया था।
कंबोडियाई संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि कंबोडिया से चुराए गए अंगकोरियन क्राउन ज्वैलरी के दर्जनों पीस वापस कर दिए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि ये आभूषण ऐसे हैं जिन्हें जनता ने कभी नहीं देखा।
कंबोडियाई मंत्रालय ने कहा कि उन्हें ब्रिटिश पुरावशेष व्यापारी डगलस लैचफोर्ड के परिवार से 77 पीस (कलाकृतियां) मिले।
लैचफोर्ड की 2020 में अमेरिका में मृत्यु हो गई थी। उस पर कलाकृतियों की तस्करी को लेकर मुकदमे चलने वाला था लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई थी।
लैचफोर्ड के परिवार ने उसी वर्ष कंबोडियाई सरकार के साथ खमेर पुरावशेषों के उनके कलेक्शन को वापस करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बेहद कीमती ये कलेक्शन शुक्रवार को कंबोडिया में पहुंच गया।
इसमें “मुकुट (क्राउन), हार, कंगन, बेल्ट, झुमके और ताबीज सहित अंगकोरियन काल से पहले व अंगकोरियन काल के दौरान के सोने और अन्य कीमती धातु की कलाकृतियां शामिल हैं।”
ऐसी कलाकृतियां जनता ने भी नहीं देखीं
बयान में कहा गया, “कलेक्शन 17 फरवरी 2023 को कंबोडिया में पहुंचा। इनमें से कई को खमेर गोल्ड: गिफ्ट्स ऑफ द गॉड्स पुस्तक में भी छापा गया गया है। इस किताब को एम्मा सी बंकर और डगलस एजे लैचफोर्ड (2008) ने लिखा। कई वस्तुओं को जनता ने पहले कभी नहीं देखा है।”
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली गर्मियों में कंबोडिया के अंगकोरियन क्राउन ज्वैलरी के कई टुकड़े लंदन में फिर से दिखाई दिए। चुराए गए आभूषण ब्रिटिश पुरावशेष तस्कर डगलस लैचफोर्ड के कब्जे में थे।
विशेषज्ञों ने खुलासा किया कि वे गहनों के अस्तित्व के बारे में जानकर दंग रह गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि संग्रह को कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह में सावधानीपूर्वक वापस कर दिया गया है और इसे देश के राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।
2022 में, अमेरिका ने लूटी गई 30 प्राचीन वस्तुओं को भी कंबोडिया में वापस कर दिया था। इनमें बौद्ध और हिंदू देवताओं की कांस्य और पत्थर की मूर्तियां शामिल हैं, जिन्हें 1,000 साल से भी पहले तराशा गया था।
फिर से तेज हुई कोहिनूर को वापस लाने की मांग
उल्लेखनीय है कि पिछले साल महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद ब्रिटेन द्वारा सबसे बड़े तराशे गए हीरों में से एक कोहिनूर को भारत को लौटाने की मांग जोर पकड़ गई।
अब, एक भारतीय मूल की पत्रकार, नरिंदर कौर, और यूके न्यूज की पत्रकार एम्मा वेब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा कर रहा है कि क्या कोहिनूर को भारत वापस किया जाना चाहिए या नहीं।
बता दें कि ब्रिटेन के नए राजा बनने जा रहे चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी के वक्त महारानी के ताज में कोहिनूर हीरा नहीं लगा होगा। ब्रिटिश राजघराने ने यह फैसला किया है।
कहा जाता है कि ब्रिटिश क्राउन में 2,800 हीरे जड़े हैं, जिनमें 105 कैरेट का प्रसिद्ध कोह-ए-नूर हीरा भी है। यह दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है।
भारत ने हाल ही में संकेत दिए थे कि वह दुनिया के सबसे बड़े हीरों में शुमार कोहिनूर को ब्रिटेन से वापस लाने के रास्ते तलाशता रहेगा।
ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद भारत में कोहिनूर को वापस लाने की मांग फिर से तेज हो गई है।
इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कुछ साल पहले संसद में इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया।