प्रावीन नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
नवरात्रि की विशेष धार्मिक मान्यता है। प्रतिवर्ष चार नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें से एक चैत्र नवरात्रि जल्द आने वाली है। चैत्र नवरात्रि की शुरूआत चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि से होती है।
नवरात्रि के दौरान पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा (Ma Durga) के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
मान्यतानुसार जो भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं उन्हें मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और मां दुर्गा उनके सभी कष्टों को हर लेती हैं। नवरात्रि की शुरूआत में घटस्थापना (Ghatasthapana) की जाती है और अष्टमी अथवा नवमी तिथि पर पूजा का समापन होता है।
चैत्र नवरात्रि की तारीख और शुभ मुहूर्त
हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी मार्च माह में चैत्र नवरात्रि मनाई जाएगी। चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि की शुरूआत इस वर्ष 21 मार्च की रात 10 बजकर 52 मिनट से हो रही है। अगले ही दिन 22 मार्च 2023 की रात 8 बजकर 20 मिनट पर इस तिथि का समापन हो जाएगा। वहीं, उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि (Navratri) की शुरूआत इस वर्ष 22 मार्च से होगी।
घटस्थापना 22 मार्च के दिन की जाएगी। 22 मार्च घटस्थापना का शुभ मुहूर्त है सुबह 6 बजकर 29 मिनट से सुबह 7 बजकर 39 मिनट तक ही है।
इस तरह करें पूजा
- चैत्र नवरात्रि के दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान किया जाता है।
- इसके पश्चात व्रत का प्रण लिया जाता है। बहुत से भक्त नवरात्रि पर नौ दिन व्रत रखते हैं तो वहीं बहुत से भक्त ऐसे भी हैं जो पहले और आखिरी दिन ही व्रती होते हैं।
- अब पूजा की सामग्री इकट्ठी की जाती है। पूजा स्थल पर चौकी सजाकर कलश में जल भरकर रखा जाता है। इस कलश के मुख पर कलावा बांधा जाता है। कलश के ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखे जाते हैं।
- घटस्थापना पूर्ण करने के लिए कलश के ऊपर नारियल रखते हैं।
- अब धूप व दीप जलाकर मां दुर्गा की आरती व पूजा की जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वार्ता 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)