भिलाई के हॉस्पिटल सेक्टर में दो दिन पहले लगी आग से 25 झुग्गियां जलकर राख हो गई थीं। इसमें लोगों का सारा सामान सहित बच्चों की किताबें और नोट्स भी जल गए थे।
उन्होंने सभी बच्चों के नाम और क्लास नोट करके सभी किताबें और नई कॉपियों सहित स्टडी मटेरियल दिया। फिर कॉपी-किताब पाकर बच्चियों के चेहरे में दोबारा मुस्कान देखने को मिली।
प्रदेश सचिव एनएसयूआई अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने भास्कर की खबर में देखा कि भिलाई में किस तरह 25 झुग्गियां जलकर राख हो गई। इतना ही नहीं उस आग में वहां रह रहे परिवार के बच्चों की कॉपी-किताबें और नोट्स तक जल गए।
इससे उन्हें कुछ दिन बाद शुरू हो रही परीक्षा की तैयारी में परेशानी होगी। अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने इन बच्चों की मदद करने का जिम्मा लिया है। वो लोग भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव का जन्मदिन न मनाकर उसकी जगह उन बच्चों की मदद करेंगे।
विधायक देवेंद्र यादव ने भी उन्हें बच्चों की पूरी मदद करने की बात कही है। इसके बाद अतुल श्रीवास्तव भिलाई नगर निगम के पार्षद और एमआईसी मेंबर आदित्य सिंह सहित अपने एनएसयूआई के पदाधिकारियों के साथ गवर्मेंट स्कूल हॉस्पिटल सेक्टर पहुंचे। वहां पीड़ित परिवार से मिले।
उनके सभी बच्चों के नाम और उनके क्लास की जानकारी ली। इसके बाद मार्केट से उनकी पूरी किताबें, कॉपी, पेन, पेंसिल, रबर और अन्य स्टडी मटेरियल लाकर दिया।
स्टडी मटेरियल पाकर खुश हुए बच्चे
10वीं में पढ़ने वाली छात्रा निर्जला ने बताया कि दोबारा स्टडी मटेरियल पाकर उन्हें काफी खुशी हो रही है। उसने इस घटना के बाद कभी सोचा नहीं था कि दोबारा से पढ़ पाएंगी, लेकिन अब लग रहा है कि हम आगे पढ़ेंगे।
निर्जला का कहना है कि वो पुलिस ऑफिसर बनना चाहती है और वो सफल हुई तो इसी तरह असहाय और गरीब लोगों की मदद करेगी। दूसरी छात्रा संतोषी का कहना है कि स्टडी मटेरियल मिल जाने से हम और अच्छे से पढ़ाई करेंगे और अपना नाम रोशन करेंगे।
वहीं 9वीं की छात्रा आरती अहिरवार का कहना है कि हमने सोचा नहीं था कि आगे कभी पढ़ पाएंगे। आप लोग इतना कुछ कर रहे हैं, जिससे हम दोबारा पढ़ पाएंगे। मैंने सोचा है कि बड़े होकर आप लोगों की तरह ही बनेंगे।
भविष्य में जो भी मदद होगी वो दी जाएगी
एमआईसी मेंबर आदित्य सिंह ने बताया शुक्रवार को जानकारी मिली थी कि हॉस्पिटल सेक्टर में आगजनी 25-30 घर जल गए हैं। वहां रह रहे गरीब लोगों का काफी नुकसान हुआ।
मैं छात्र राजनीति से जुड़ा रहा हूं तो हमेशा कोशिश रहती है कि उनके लिए कुछ करूं। अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि भास्कर के माध्यम से कुछ बच्चों ने इतने नुकसान के बाद भी पढ़ने की इच्छा जाहिर की है।
उनकी पूरी किताबें और स्टडी मटेरियल जल गए थे। इसलिए हमने उनकी मदद करने की ठानी और राजीव युवा मितान योजना के जरिए बच्चों को स्टडी मटेरियल देकर उनकी मदद करने की कोशिश की है।
बच्चों ने कुछ नोट्स व बैग की और डिमांड की है उसे भी जल्द पूरा कर दिया जाएगा।
एनएसयूआई ने ऐसे बच्चों के जज्बे को किया सलाम
अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे एक छोटे से प्रयास से बच्चों के चेहरे में खुशी दिखी है, लेकिन इसके पीछे कहीं न कहीं उनका छिपा हुआ दर्द भी नजर आ रहा है।
जिन्होंने रातों रात अपना घर खो दिया। आग में उनका पूरा सामान जलकर राख हो गया। इसके बीच भी ये बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। इनके जज्बे को एनएसयूआई सलाम करता है। आगे जो भी इन्हें मदद की जरूरत होगी वो मदद दी जाएगी।
ये हुई थी घटना
झुग्गी निवासी कृष्णा अहिरवार ने बताया कि वो सेक्टर 9 हॉस्पिटल में अटेंडेंट का काम करती है। वो ड्यूटी पर गई थी। घर में उसकी 4 बेटी और एक बेटा अकेले थे घर में। देर रात 3.30 बजे के करीब बेटी ने फोन करके बताया कि मम्मी बड़ी आग लगी है। जल्दी आ जाओ। मौके पर आकर देखा कि पूरी बस्ती में आग लगी थी।
मेरे घर का पूरा सामान जल गया था। आग लगने के बाद यहां करीब 4 सिलेंडर फटे हैं। बस्ती के पूरे घर जल गए हैं। पूरे गहने जल गए हैं। सोना और पैसा का पता नहीं चल रहा है। इस आग से 25 झुग्गी जलने की जानकारी निगम प्रशासन द्वारा दी गई है।
पावर हाउस के सूर्या नगर बस्ती में जली थीं 163 झोपड़ियां
10 महीने पहले ही भिलाई पावर हाउस के सूर्या नगर इलाके में आग लगने से 163 झोपड़ियां जलकर राख हो गई थीं। बस्ती में आग घर के अंदर जल रहे दिए से लगी थी।
यहां भी आग लगने से कई सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ था। कपड़े, लकड़ी और प्लास्टिक से बनी झोपड़ी में आग तेजी से फैल गई। एक-एक कर दूसरी झोपड़ियों के सिलेंडर भी ब्लास्ट होते गए, जिससे आग 11 फीट की सड़क के दूसरी तरफ बनी झोपड़ियों तक पहुंच गई।
जांच में पता चला था कि बस्ती की ज्यादातर झोपड़ियों की छत में टीन शेड की थीं। बाकी हिस्सा कपड़े, प्लास्टिक और लकड़ी का था। इस वजह से आग तेजी से फैली थी।
आग लगने के बाद भिलाई के महापौर नीरज पाल ने यहां दिन रात रहकर बस्ती को दोबारा बसाया था।
उन्होंने उन्होंने पीड़ितों के लिए दोबारा सूर्या नगर में झोपड़ी बनवाई। इसके लिए 2 हजार टीन शेड, बांस बल्लियों समेत अन्य जरूरत का समान पीड़ितों को उपलब्ध करवाया गया था।