महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है, यह ऐसा दिन है जब लड़के हो या लड़कियां, भगवान शिव के लिए उपवास रखते हैं, मंदिरों के दर्शन करने निकलते हैं और शिवरात्रि (Shivratri) के रंग में रंगते हुए भोलेनाथ के भजन-कीर्तन में रम जाते हैं।
महाशिवरात्रि प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। इस वर्ष 18 फरवरी, शनिवार के दिन महाशिवरात्रि है। वहीं, शनिवार के दिन पड़ने पर इस दिन एक खास संयोग भी बन रहा है।
यहां जानिए महाशिवरात्रि पर संतान प्राप्ति के लिए इस संयोग के चलते क्या उपाय किए जा सकते हैं और भोलेनाथ (Bholenath) की किस तरह पूजा की जाए।
महाशिवरात्रि पर शिप पूजा
महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। धर्मशास्त्रों में इस दिन का विशेष महत्व है जिसकी वजह महाशिवरात्रि पर मां पार्वती और भगवान शिव (Lord Shiva) की शादी का होना है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि पर ही शिव-पार्वती विवाह हुआ था। इस चलते भक्त महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करते हैं।
कहते हैं शिवरात्रि पर पूजा करने से लड़कियों को अच्छे वर की प्राप्ति होती है, वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और संतान प्राप्ति के लिए भी आशीर्वाद मांगा जा सकता है।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
इस साल 17 फरवरी रात 8 बजकर 2 मिनट से महाशिवरात्रि शुरू हो रही है जो अगले दिन यानी 18 फरवरी शाम 4 बजकर 18 मिनट तक रहेगी।
पूजा के शुभ मुहुर्त (Shubh Muhurt) की बात करें तो भक्त इस समयावधि में ही पूजन कर सकते हैं। वहीं, निशीथ काल में पूजा का मुहूर्त 19 फरवरी रात 12 बजकर 16 मिनट से 1 बजकर 6 मिनट तक है।
बन रहा है संयोग
इस वर्ष महाशिवरात्रि शनिवार के दिन पड़ रही है। शनिवार के दिन महाशिवरात्रि और शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) दोनों ही पड़ने से इस दिन का महत्व पहले से कही अधिक बढ़ गया है। संतान प्राप्ति के लिए भोलेनाथ की पूजा कर उनसे आशीर्वाद मांगा जा सकता है। साथ ही, शनिवार का दिन होने के चलते शनि देव की पूजा करना शुभ होता है।
ऐसे करें भोलेनाथ की पूजा
महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सुबह-सवेरे उठकर निवृत्त होकर स्नान किया जाता है। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हरे रंग के वस्त्र भी धारण करते हैं।
हालांकि, माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए क्योंकि यह रंग भोलेनाथ को क्रोधित करता है।
पूजा के लिए आरती की थाली लेकर मंदिर जाते हैं। आरती की थाली में प्राय बेलपत्र, दीप, अक्षत, फूल और फल व मिठाई आदि रखते हैं। शिवलिंग पर दूध या जल भी चढ़ाया जाता है और साथ ही पूजा की सामग्री एक-एक कर अर्पित की जाती है।
जो भक्त महाशिवरात्रि का व्रत (Mahashivratri Vrat) रखते हैं वे अपना दिन शिव आरती व भजन सुनते हुए व्यतीत करते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वार्ता 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)