प्रवीण नंगिस (ज्योतिष सलाहकार):
गवान विष्णु को कई नामों से जाना जाता है जिसमें से है अनंत, पुरुषोत्तम, ऋषिकेश, पद्मनाभ, माधव, बैकुंठ, श्रीधर, त्रिविक्रम, मधुसूदन, वामन, केशव, दामोदर और गोविद। एक और नाम है जिससे भगवान विष्णु को पुकारा जाता है वो नाम है नारायण।
यह नाम सबसे ज्यादा प्रचलित है।
आखिर सृष्टि के पालन कर्ता (vishnu bhagwan pooja tips) को इस नाम (vishnu bhagwan name meaning) से क्यों बुलाया जाता है आज इस लेख में आपको पता चल जाएगा।
भगवान विष्णु को क्यों कहते हैं नारायण
– आपको बता दें कि भगवान विष्णु को देवऋषि नारायण कहकर पुकारते थे। आपने पौराणिक कहानियों में और धर्म ग्रन्थों में इस नाम का जिक्र देवऋषि को करते पढ़ा जरूर होगा। जिसका अर्थ जल होता है।
– आपको बता दें कि जल को नीर के अलावा संस्कृत में नर भी कहा जाता है। इसलिए इनका संबंध जल से है। और भगवान विष्णु का निवास क्षीर सागर में है।
भगवान विष्णु के नाम के आगे श्री क्यों लगाया जाता है
यूं तो ‘श्री’ शब्द सम्मान के लिए बोला जाता है।अपने से बड़े या फिर कोई गणमान्य के लिए श्री शब्द लगया जाता है लेकिन ये हैरानी की बात है कि देवताओं में इसका प्रयोग केवल भगवान विष्णु के नाम के आगे ही किया जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीहरि विष्णु के नाम के आगे लगने वाले ‘श्री’ का अर्थ ‘महालक्ष्मी’ है। महालक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी भी हैं और महालक्ष्मी के कई नामों में से एक उनका नाम ‘श्री’ भी है।
ये सभी जानते है कि महालक्ष्मी ‘ऐश्वर्य प्रदान करती हैं। दोनों को एक रूप पूजने और सम्मान देने के कारण ही हम भगवान विष्णु के नाम के आगे श्री लगाते हैं।