बेंगलुरु पुलिस ने जैन यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज (CMS) के प्रिंसिपल और 7 छात्रों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इन पर कॉलेज में नाटक के दौरान बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और दलित समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
आरोपियों की पहचान सुजल, नईमा नगरिया, गौरव पवार, प्रणव पल्लीयाल, ऋषभ जैन, स्मृति आरबी, आशीष अग्रवाल और प्रिंसिपल दिनेश नीलकांत के तौर पर हुई है।
सभी आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं और भारतीय दंड संहिता (IPC) की 153A, 149, 295A के तहत मामला दर्ज किया गया है।
छात्रों की ओर से किए गए नाटक का एक वीडियो कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
इसमें यूनिवर्सिटी के 6 स्टूडेंट्स दलितों और आंबेडकर को अपमानजनक तरीके से दिखाते नजर आए, जिसे लेकर यूजर्स के बीच आक्रोश फैल गया।
विश्वविद्यालय के ‘यूथ फेस्ट’ के दौरान CMS के थिएटर ग्रुप ‘द डेलरॉयज बॉयज’ की ओर से नाटक का मंचन किया गया। आरोप है कि नाटक के जरिए अनुसूचित जाति के लोगों का मजाक उड़ाया गया। इसमें डॉ बी.आर. आंबेडकर को ‘बीयर अम्बेडकर’ कहा गया।
‘यह जातिवादी और असंवेदनशील नाटक’
कॉलेज के कुछ छात्रों ने 4 फरवरी को यह नाटक को देखा। उन्होंने इसे जातिवादी और असंवेदनशील नाटक करार दिया और इसके खिलाफ ऑनलाइन याचिका दायर की।
याचिका में कहा गया, ‘यह हैरानी वाली बात है कि नाटक का मंचन करने से पहले उसकी स्क्रिप्ट को कई राउंड्स में मंजूरी मिल गई। इस असंवेदनशील स्क्रिप्ट के साथ ही 5 फरवरी को बेंगलुरु के अन्य कॉलेज में नाटक हुआ। हमारी मांग है कि वे सार्वजनिक रूप से अपनी इन हरकतों के लिए माफी मांगें। साथ ही खुद को और दूसरों को हाशिए के समुदायों के प्रति संवेदनशीलता के महत्व पर शिक्षित करें।’
‘जातिवादी गालियां व्यंग्य नहीं’
दलित संगठनों और नेताओं ने वीडियो देखने के बाद इसकी निंदा की है। जाति-विरोधी कार्यकर्ता सूरज कुमार बौद्ध ने कहा, ‘जातिवादी गालियां व्यंग्य नहीं हैं! जैन विश्वविद्यालय, बेंगलुरु के छात्रों ने बाबा साहेब का अपमान किया और अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ जातिवादी हास्य बनाया।
इस तरह की जातिवादी और असंवेदनशील स्किट दलित वर्गों का मजाक उड़ाने का एक प्रयास है।’ वहीं, कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने रविवार को कॉलेज परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
इस बीच, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. सी एन अश्वथ नारायण ने विभाग के प्रमुख सचिव को घटना की जांच करने और रिपोर्ट देने को कहा है।