छतरपुर
मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में सोमवार से महायज्ञ की शुरुआत हुई। देशभर से आए संतों की मौजूदगी में एक सप्ताह तक यह यज्ञ चलेगा। पहले दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे। यहां उन्होंने दर्शन-पूजा के बाद बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से भी मुलाकात की। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील करने वाले धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात के बाद जब कमलनाथ का सामना इस सवाल से हुआ तो उन्होंने दो टूक कहा कि देश संविधान से चलेगा।
इन दिनों मीडिया के सुर्खियों में बने बागेश्वर धाम में अगले एक सप्ताह तक बेहद गहमा-गहमी रहने वाली है। 18 मार्च को महाशिवरात्रि पर यहां 121 कन्याओं का विवाह भी कराया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। सोमवार को पहले ही दिन बड़ी संख्या में भक्त उमड़े। यहां कथा के साथ यज्ञ भी चल रहा है।
समर्थकों के साथ सुबह धाम पहुंचे कमलनाथ ने पूजा अर्जना के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘मैंने छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा 101 फुट से भी ऊंचा हनुमान मंदिर बनाया है। मैं हनुमान जी से यहां प्रार्थना करने आया था कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे।’
धीरेंद्र शास्त्री हाल के समय में कई बार भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कह चुके हैं। पत्रकारों ने जब इस पर कमलनाथ से प्रतिक्रिया मांगी तो पूर्व सीएम ने कहा कि भारत अपने संविधान के अनुसार चलता है। बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान बनाया था, उसके मुताबिक चलेगा। गौरतलब है कि हाल के दिनों में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए वह सनातनियों को एकजुट करने की बात कह रहे हैं।
बागेश्वर धाम के अनुयायियों की संख्या लाखों में है और मध्य प्रदेश की राजनीति में इस बार उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस सभी दलों के नेता बागेश्वर धाम में सिर झुकाने पहुंच रहे हैं। कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के दर्शन किए। उन्होंने कहा, ‘मैंने छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा 101 फुट से भी ऊंचा हनुमान मंदिर बनाया है। मैं हनुमान जी से यहां प्रार्थना करने आया था कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे।’
बागेश्वर धाम क्यों पहुंचे कमलनाथ?
मध्यप्रदेश के इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में कमलनाथ का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कमलनाथ बीजेपी को उसी के राजनीतिक हथियार से मात देने का तानाबाना बुन रहे हैं. वे लगातार हिंदुत्व के पिच पर उतरकर बैटिंग कर रहे हैं. उन्होंने पिछले दिनों जबलपुर के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा का पूजन किया था. वे एमपी में पुजारियों के मानदेय को लेकर भी बीजेपी को घेर रहे हैं.
पिछले दिनों जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का मामला गरमाया था, तब प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पर अविश्वास जताया था। कुछ ने तो ढोंगी और पाखंडी तक कह दिया था। ऐसे में कमलनाथ का बागेश्वर धाम पहुंचना डैमेज कंट्रोल की कोशिश बताया जा रहा है। सोमवार से ही बागेश्वर धाम में बड़ा धार्मिक आयोजन शुरू हुआ है। इसमें देशभर से संत समाज के सदस्य जुट रहे हैं। इस दौरान 21 कथावाचक और भजन मंडलियों के भी यहां पहुंचने का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस धार्मिक जलसे में भाग ले सकते हैं।