सैयद जावेद हुसैन, (सह संपादक), छत्तीसगढ़:
धमतरी- जनपद पंचायत धमतरी की अध्यक्ष गुंजा साहू के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया है, जिसके बाद वोटिंग में उनके पक्ष में मात्र 2 वोट ही पड़े। जबकि जनपद उपाध्यक्ष अवनेंद्र साहू ने वोटिंग के पहले ही अपना इस्तीफ़ा कलेक्टर को सौंप दिया।
आपको बता दें कि 25 सदस्यों की धमतरी जनपद के बीते चुनाव में कांग्रेस समर्थित 12 सदस्य निर्वाचित हुए थे, जबकि भाजपा के 13 सदस्यों ने चुनाव में जीत दर्ज की थी, जिसके पश्चात अध्यक्ष के चुनाव में क्रॉस वोटिंग के जरिए कांग्रेस की गुंजा साहू को जनपद अध्यक्ष की कुर्सी हासिल हुई। और भाजपा के अवनेंद्र साहू ने अपने पक्ष में 15 वोट हासिल कर उपाध्यक्ष की कुर्सी पर अपना कब्जा जमा लिया था।
और इनका कार्यकाल हुआ शुरू, जनपद सदस्यों ने बताया कि कुछ समय तक तो सब ठीक चला लेकिन फिर जनपद सदस्यों में विभिन्न मद की राशि के हस्तांतरण को लेकर नाराजगी बढ़ती गई, इस दौरान 15वें वित्त की राशि का तमाम सदस्यों में बंटवारे की नाराजगी जुलाई 2022 में अविश्वास प्रस्ताव तक पहुंच गई, लेकिन किसी तरह मामले को रफा दफा किया गया।
इसके 6 माह बाद फिर जनपद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों के खिलाफ भाजपा कांग्रेस के सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को आवेदन दिया जिसमें कलेक्टर ने सदस्यों को पत्र जारी कर शुक्रवार 10 फरवरी की तारीख तय की।
शुक्रवार को जनपद कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव पारित करने की प्रक्रिया शुरू हुई इस दौरान वोटिंग के पहले ही भाजपा समर्थित उपाध्यक्ष अवनेंद्र साहू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, और अध्यक्ष गुंजा साहू के लिए वोटिंग हुई जिसमे उन्हें मात्र 2 ही वोट मिले जिसके चलते उन्हें अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी।
जनपद अध्यक्ष की कुर्सी जाने के बाद शहर में तरह तरह की चर्चाएं हो रहीं हैं कि सत्ता पक्ष के कई बड़े नेताओं के रहते आखिर 2 वोट ही मिले? जबकि कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले में कई बैठकें ली, रूठे हुओं को मानने का प्रयास किया गया, कई रणनीतियां भी बनाई गईं लेकिन उनकी तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुईं, और अध्यक्ष का पद चला गया, इसकी जिम्मेदारी आखिर किस के सर होगी? चर्चा व्याप्त।
अब देखना दिलचस्प होगा कि अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस भाजपा के नेताओं की कैसी रणनीति होती है? और किसके सर सजता है ताज?