नकदी संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) गुरुवार को ऋण अदायगी से संबंधित स्टाफ लेवल समझौते पर पहुंचने में विफल रहे।
वार्ता फेल होने के बाद आईएमएफ मिशन आज इस्लामाबाद से रवाना हो रहा है।
हालांकि, आने वाले दिनों में अंतिम उपाय के तौर पर ऋणदाता को संतुष्ट करने के उद्देश्य से एक व्यापक रूपरेखा पर काम करने पर सहमति बनी है।
पाकिस्तान के मशहूर अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, आईएमएफ मिशन के शुक्रवार की सुबह रवाना होने की पुष्टि करते हुए वित्त सचिव हमीद याकूब शेख ने कहा,”कार्रवाई और पूर्व की कार्रवाइयों पर सहमति हुई है। अब बाद में स्टाफ लेवल समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।”
उधर, वार्ता विफल होने के कारण वित्त मंत्री इशाक डार ने अपनी मीडिया ब्रीफिंग रद्द कर दी। बृहस्पतिवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पक्ष बाहरी वित्त पोषण अनुमानों और सटीक घरेलू राजकोषीय उपायों पर बात नहीं कर पाए हैं।
आईएमएफ ने निर्धारित समीक्षा वार्ता खत्म करने से ठीक पहले आर्थिक और वित्तीय नीतियों के लिए ज्ञापन के मसौदे (MEFP) पर भी चर्चा की लेकिन उस पर भी गतिरोध बना रहा।
इस गतिरोध को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आईएमएफ मिशन प्रमुख नाथन पोर्टर के बीच एक अनिर्धारित वर्चुअल बैठक भी हुई। बावजूद इसके डील पक्की नहीं हो सकी।
MEFP और डील पक्की करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने अंततः IMF की सभी मांगें मान ली हैं, बावजूद इसके अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के “क्रमिक दृष्टिकोण” (gradual approach) के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सब कुछ पहले ही हो जाना चाहिए था।
इससे पहले, एक्सप्रेस न्यूज ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि रुके हुए बेलआउट पैकेज की शर्तों को लेकर पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ मिशन के बीच आम सहमति बन गई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि वित्त मंत्री इशाक डार एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वार्ता के विवरण की घोषणा करने करेंगे लेकिन वार्ता विफल होने के कारण वित्त मंत्री ने अपनी मीडिया ब्रीफिंग रद्द कर दी।
पाकिस्तान 2019 में इमरान खान सरकार के दौरान आईएमएफ के छह अरब डॉलर कार्यक्रम का हिस्सा बना था, जिसे पिछले साल बढ़ाकर सात अरब डॉलर कर दिया गया था।
कार्यक्रम की नौवीं समीक्षा 1.18 अरब डॉलर जारी करने के लिए आईएमएफ अधिकारियों और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही थी।
एक दिन पहले ही वित्त और राजस्व राज्य मंत्री आएशा गौश पाशा ने कहा, “हम इसे पूरा करने के बहुत करीब हैं।”
उन्होंने कहा कि आईएमएफ एक बार पाकिस्तान को एमईएफपी सौंप दे, जिसके बाद सभी मुद्दों पर बात पूरी हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।