अंकारा/दमिश्क
तुर्की-सीरिया में सोमवार को आए दो भयंकर भूकंप के बाद हुई तबाही में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 15,000 से अधिक हो गई है। अधिकारियों के अनुसार, तुर्की में कम से कम 12,391 लोग मारे गए हैं, जबकि सीरिया में 2,992 लोग मारे गए हैं।
यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है क्योंकि खराब मौसम और कड़ाके की ठंड की वजह से राहत और बचाव अभियान में बाधा आ रही है और कई जगहों पर मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने का काम अभी जारी है।
इस बीच, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने माना है कि भूकंप के बाद राहत और बचाव कार्य में ‘कमियां’रहीं। उन्होंने स्वीकार किया कि दक्षिणी तुर्की में विनाशकारी भूकंप आने के बाद उनकी सरकार को शुरुआती कार्यवाई में समस्याओं का सामना करना पड़ा। इससे लोगों में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया।
एर्दोगन ने भूकंप प्रभावित कहरमनमारस शहर की यात्रा के दौरान कहा,”निश्चित रूप से, कमियां हैं।” उन्होंने कहा कि परिस्थितियां देखने से स्पष्ट है कि हमारी तैयारियों में कमी है लेकिन इस तरह की आपदा के लिए तैयार रहना संभव नहीं है।
उधर, विपक्षी दलों समेत स्थानीय लोग तुर्की सरकार पर हमलावर हैं और पूछ रहे हैं कि भूकंप टैक्स में वसूली गई रकम कहां और कब खर्च की गई, इसका ब्योरा दें। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, लोग तुर्की सरकार को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि 88 अरब लीरा (तुर्की करंसी) की वह धनराशि कहां गई, जिसे कई दशकों से भूकंप टैक्स के नाम पर वसूला जा रहा है।
बता दें कि 1999 में तुर्की में भयंकर भूकंप आया था, जिसमें 17000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस तबाही से तुर्की को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ था। इसके बाद तुर्की सरकार ने भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए नागरिकों से भूकंप टैक्स वसूलना शुरू कर दिया था, ताकि समय रहते आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सके और फिर से आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जा सके।
एक अनुमान के मुताबिक, अब तक इस टैक्स से करीब 88 अरब लीरा (4.6 अरब डॉलर) की राशि जमा हो चुकी है। हालांकि, सरकार ने इसे अभी तक इसकी सूचना सार्वजनिक नहीं की है। लिहाजा, अब लोग पूछ रहे हैं कि उन राशि को कहां और कब खर्च किया?