Pico Satellites India: दंतेवाड़ा. देश में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन 2023 की शुरुआत की गई है। इसमें देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ मिलकर 150 पीको उपग्रह (सैटेलाइट) को रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। खास बात यह है कि, दंतेवाड़ा देश का पहला ऐसा जिला है जहां के 75 स्टूडेंट्स इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन हाउस ऑफ कलाम की तरफ से स्पेस जोन इंडिया एवं मार्टिन ग्रुप के सहयोग से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। तेलंगाना की गवर्नर मिलसाई सुंदरराजन ने हाल ही में इसका आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया था।
डा. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन हाउस आफ कलाम द्वारा स्पेस जोन इंडिया एवं मार्टिन ग्रुप के सहयोग से डा एपीजे अब्दुल कलाम सैटेलाइट लान्च व्हीकल मिशन 2023 की शुरुआत की गयी। इस कार्यक्रम का शुभारंभ तेलंगाना गवर्नर तमिलसाई सुंदरराजन ने आधिकारिक रूप से किया। देश भर के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ मिलकर 150 पिको उपग्रह (सेटेलाइट) राकेट के माध्यम से लान्च किया जा रहा है।
बता दें इस अवसर पर दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड में जावंगा स्थित आटिडोरियम में आस्था विद्या मंदिर द्वारा सैटेलाइट एवं राकेट्री पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। डा. एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन के महासचिव मिलिंद चौधरी ने बताया कि देश के 75वीं आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा राज्यों के कुल 75 विद्यार्थियों द्वारा बनाए गई पीको सैटेलाइट राकेट लान्च किया जाएगा। जिसका मानक वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड, एशिया बुक आफ रिकार्ड, इंडिया बुक आफ रिकार्ड, एसिस्ट बुक आफ रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा। वहीं इसकी पूरी विवरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा।
एक साथ 150 पिको सैटेलाइट लांच
टेक्निकल मास्टर ट्रेनर्स मनीषा ताई चौधरी एवं आदित्य चौधरी ने सैटेलाइट इंटीग्रेशन एवं राकेट्री का प्रदर्शन करते हुए जानकारी दी कि पिको सैटेलाइट को पृथ्वी से 10 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाता है। दुनिया में पहली बार ऐसा होगा जब एक साथ 150 पिको सैटेलाइट लांच किए जाएंगे, तब विश्व रिकार्ड कीर्तिमान स्थापित होगा। इन उपग्रहों द्वारा एकत्र डेटा का उपयोग आक्सीजन, ओजोन और वातावरण में फैली अन्य गैसों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए उपयोग जाएगा। विशेष कार्य हेतु डा कलाम फालोअर्स तथा आस्था विद्या मंदिर जावंगा के व्याख्याता अमुजुरी विश्वनाथ, विद्यार्थी अमित नाग एवं राहुल मरकाम को डा एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन से एपीजेएम शेख दावूद एवं एपीजेएम शेख सलीम के द्वारा उत्कृष्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
सीएम भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रितिका की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी है। छात्रा रितिका ध्रुव बचपन से ही विज्ञान के प्रति रूचि रखती रही है। कक्षा 8वीं में रहने के दौरान उसने पहली बार अंतरिक्ष प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में हिस्सा लिया था। इसके बाद वे लगातार विज्ञान संबंधी गतिविधियों में प्रतिभागी बनती रही। नासा के प्रोजेक्ट के लिए जब आवेदन आमंत्रित किया गया, तब निर्धारित प्रारूप में रितिका ने भी आवेदन करते हुए अपना प्रोजेक्ट रखा। चयन के स्तरों में पहले उन्होंने बिलासपुर में विषय संबंधी प्रश्नोत्तरी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया तो इसके बाद भिलाई स्थित आईआईटी में अपनी प्रस्तुति दी। फिर जाकर रितिका को इसरो के श्री हरिकोटा (आंध्रप्रदेश) सेंटर में प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया।
बिलासपुर के अभिनव बने इसरो के वैज्ञानिक
कुछ माह पहले सेंट जेवियर्स हाई स्कूल भरनी के पूर्व छात्र अभिनव सिंगरौल का इसरो के वैज्ञानिक के रूप में चयन हुआ था। उन्होंने सेंट जेवियर्स हाई स्कूल भरनी से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा वर्ष 2012 और 2014 में उत्तीर्ण की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय स्कूल को दिया है। स्कूल ने उनकी उपलब्धि का सम्मान करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम में तखतपुर निवासी मां मधुरिमा सिंगरौल, दादा एमके शाह, दादी अनुरुपा शाह और मौसी मधु जॉन मौजूद थीं। तखतपुर विधायक रश्मि सिंह ठाकुर, सह प्रबंध निदेशक डॉ. जीएस पटनायक, सीईओ मुकेश सराफ, प्राचार्य जितिंदर सिंह हुंदल व डॉ. पटनायक ने इसरो वैज्ञानिक और उनके माता-पिता को बधाई दी तखतपुर विधायक रश्मि सिंह ने बच्चे के समग्र विकास और सफलता के लिए स्कूल के प्रयासों की सराहना की। सीईओ मुकेश सराफ और स्कूल के प्रिंसिपल जितिंदर सिंह हुंदल ने अभिनव और उनके माता-पिता को उपलब्धि के लिए बधाई दी। अभिनव ने स्कूल परिसर में एक पौधा भी लगाया। इस अवसर पर नैंसी पारेख, अभिलाष पटनायक मौजूद रहे।