देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना के लिए तैयार संस्करण के एक विमान को सोमवार को स्वदेशी विमान वाहक युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया और वहां से उसने उड़ान भरी।
रक्षा मंत्रालय ने इसे आत्मनिर्भर भारत के सामूहिक सपने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
भारत में निर्मित पहले विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर मिग 29के को भी पहली बार उतारा गया है। नौसेना प्रमुख ने इस अभियान में लगी पूरी टीम को बधाई दी है।
आईएनएस विक्रांत देश में बना पहला विशाल विमान वाहक युद्ध पोत है और यह जटिल प्रणालियों से लैस है।
इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने किया है और इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में किया गया है।
यह अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है इसे पहली बार 04 अगस्त 2021 को समुद्र में परीक्षण के लिए उतारा गया था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे भारतीय नौसेना में 02 सितंबर 2022 को शामिल किया।
इस पर स्थिर पंख वाले और रॉटरी (घूमने वाले) पंखों के विमानों को उतारने और उड़ाने का गहन परीक्षण किया जा रहा है। यह अभियान इसे पूरी तरह से युद्ध की स्थिति के लिए तैयार करने का उपक्रम है।
बयान में कहा गया है कि ‘उड़ान के परीक्षणों के क्रम में भारतीय नौसेना के परीक्षण पायलटों ने 06 फरवरी 2023 को आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (नौसेना) और मिग 29के को उतारा।
बयान में कहा गया है कि ‘एलसीए नौसेना को आईएनएस विक्रांत पर उतारा जाना स्वदेशी विमान वाहक पोत के साथ स्वदेशी लड़ाकू विमान का डिजाइन तैयार करने , उसके विकास , निर्माण और परिचालन में आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि आईएनएस विक्रांत पर मिग 29के का उतारा जाना भी एक बड़ी उपलब्धि है यह दर्शाता है कि इस विमान के परिचालन को भी इस स्वदेशी विमान वाहक पोत के साथ समन्वित कर दिया गया है। इससे भारतीय नौसेना की क्षमता और बढ़ेगी।