एयरोप्लेन में बैठना किसे नहीं पसंद है।
कितनी भी दूरी हो यदि कम समय में पूरी करनी है तो विमान यात्रा से बढ़िया विकल्प और कोई नहीं। कम समय में आरामदायक ट्रैवेल करने का इससे बेहतर और कोई भी तरीका नहीं है।
हालांकि ये थोड़ा खर्चीला जरूर होता है लेकिन समय की बचत और बेहतर ट्रैवेल एक्सपीरियंस के लिए विमान यात्रा ही बेस्ट मानी जाती है।
उसके ऊपर से विमान यात्रा सबसे सेफ भी मानी गई है।
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि विमान यात्रा इतनी महंगी क्यों होती है। सर्विसेज के अलावा आपका इतना पैसा किस बात का लगता है।
दरअसल आपके प्लेन के टिकट का एक बड़ा हिस्सा फ्यूल चार्ज में जाता है। क्योंकि विमान को चलाने में बेहद ज्यादा फ्यूल खर्च होता है।
तो आइये आज आपको बताते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा पैसेंजर प्लेन माना जाने वाला बोइंग 747 कितना फ्यूल कंज्यूम करता है।
900 किमी। प्रति घंटे की रफ्तार
बोइंग 747 की अधिकतम रफ्तार 900 किमी। प्रति घंटे तक जाती है। इस विमान में 500 लोग एक साथ सफर कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार बोइंग में 1 सेकेंड में 4 लीटर फ्यूल की खपत होती है। यानि इसे दूसरे तौर पर देखा जाए तो जितना फ्यूल औसत एक कार के टैंक में आता है उसे खपाने में बोइंग को केवल 10 सेकेंड का समय लगता है।
मतलब एक मिनट के अंतराल में बोइंग 240 लीटर फ्यूल खर्च कर देता है।
1 लीटर में क्या माइलेज
बोइंग 1 लीटर फ्यूल में केवल 0।8 किमी। की यात्रा करता है। एक किलोमीटर चलने के लिए बोइंग को 12 लीटर फ्यूल की जरूरत होती है।
वहीं, एयरबस ए32 विमान 0।683 लीटर प्रति सेकंड ईंधन की खपत करता है। बोइंग 1 घंटे की उड़ान में 14,400 लीटर फ्यूल खपा देता है।