दुर्ग जिले में कलेक्टर की ताबड़तोड़ कार्रवाई; तहसीलदार, पटवारी और मेडिकल अफसर को थमाया नोटिस,सचिव को किया बर्खास्त…

दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने एक के बाद एक कई विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की।

कलेक्टर अलग-अलग जगहों पर निरीक्षण के लिए पहुंचे।

लापरवाही मिलने पर उन्होंने तहसीलदार, मेडिकल अफसर, आरआई और पटवारी को नोटिस जारी किया तो वहीं एक सचिव को सस्पेंड कर दिया है।

जानकारी के अनुसार कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा औचक निरीक्षण पर निकले थे। बुधवार शाम वो भिलाई तहसील कार्यालय पहुंचे।

यहां उन्होंने सभी राजस्व प्रकरणों से संबंधित दस्तावेज देखे। उन्होंने पाया कि कुछ प्रकरण में राजस्व निरीक्षक और पटवारी के प्रतिवेदन लंबे समय से लंबित थे।

उन्होंने इस पर अतिरिक्त तहसीलदार क्षमा यदु जमकर फटकार लगाई और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया।

इतना ही नहीं उन्होंने गार्गी सत्यनारायण शुक्ला पूर्व राजस्व निरीक्षक कोहका व वर्तमान राजस्व निरीक्षक डायवर्सन शाखा, शत्रुहन मिश्रा पटवारी कोहका, राजेश बंजारी और पटवारी कुरुद को शो काज नोटिस जारी किया।

उन्होंने कहा कि यदि समय पर सभी प्रकरण का निराणकरण किया जाए नहीं तो आगे और बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अतरिक्त तहसीलदार ने सारी गलती आरआई पटवारी की बताई
अतरिक्त तहसीलदार क्षमा यदु ने कलेक्टर से कहा कि आरआई और पटवारी समय पर प्रतिवेदन नहीं देते हैं।

इस पर कलेक्टर ने उन्हें कहा कि इसकी सूचना एसडीएम दें।

लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कलेक्टर ने सीमांकन और बटांकन आदि के प्रकरण भी देखे। कलेक्टर ने पाया कि पटवारी और आरआई के प्रतिवेदन समय पर आ जाते तो इन्हें काफी पहले हल किया जा सकता था।

कलेक्टर ने कहा कि राजस्व मामलों में समय सीमा पर निराकरण काफी महत्वपूर्ण होता है और ऐसे मामले जो विवादित न हों, उन्हें समय सीमा के काफी पूर्व हल कर लिया जाना चाहिए।

सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर से रकम निकालने वाला सचिव बर्खास्त
कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ ने तत्कालीन सचिव, ग्राम पंचायत करेली/डगनिया जनपद पंचायत धमधा श्यामकार्तिक यादव को बर्खास्त कर दिया है।

उन्होंने जांच में पाया कि यादव ने ग्राम पंचायत करेली में पदस्थापना के दौरान पीएफएमएस से किसी अन्य फर्म को राशि भुगतान किये जाने एवं रोकड़ में अन्य फर्म का देयक लगाया गया है।

इसके साथ ही पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से भुगतान की गई राशि को रोकड़ में नगद राशि दर्ज किया गया है और लेखा नियम का पालन नहीं किया गया।

तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति व मूल्याकन के 3 लाख 30450 रुपए का व्यय किया।

ग्राम पंचायत डगनिया में पदस्थापना के दौरान शैल वर्मा, सरपंच के हस्ताक्षर स्कैन कर सरपंच के बिना जानकारी के हस्ताक्षर सील बनवाकर 1 लाख 67,200 और 1 लाख 50 हजार रुपए सहित कुल 3 लाख 17,200 रुपए निकाल लिए। इस लापरवाही के लिए श्यामकार्तिक यादव बर्खास्त किया गया है।

स्वच्छता में लापरवाही पर मेडिकल ऑफिसर को नोटिस
दुर्ग कलेक्टर ने उतई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने दवाई वितरण केंद्र, लैब व ओ.पी.डी. का निरीक्षण किया।

इस दौरान कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छता से संबंधित अनियमितता पाई। जिसके कारण उन्होंने उपस्थित संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकारा और मेडिकल आफिसर के साथ लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

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