पाकिस्तान के पेशावर में पुलिस लाइन के अंदर मस्जिद में नमाज के दौरान हुए आत्मघाती बम ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या 100 पार कर गई है।
इस ब्लास्ट में घायलों की संख्या 200 से ज्यादा है। जिसमें गंभीर रूप से घायल भी शामिल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ब्लास्ट के बाद मस्जिद में अंदर का मंजर बेहद भयावह है। पुलिस अधिकारियों ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि इस बात की बहुत संभावना है कि फिदायीन हमलावर सरकारी गाड़ी से पहुंचा था।
इस आत्मघाती हमले में पुलिस, सेना और बम निरोधक दस्ते के कई अधिकारी शामिल थे। मरने वालों में ज्यादातर पुलिसकर्मी बताए जा रहे हैं। हमले की जिम्मेदारी टीटीपी ने ली है।
बचाव अधिकारियों ने संदिग्ध आत्मघाती हमलावर का कटा हुआ सिर बरामद कर लिया है। उनका मानना है कि पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी पेशावर शहर में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में सोमवार को दोपहर की नमाज के दौरान नमाजियों से खचाखच भरी एक मस्जिद में खुद को उड़ा लिया था।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बम विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। जिसमें 221 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
अभी भी मलबे से शवों को ढूंढने का काम किया जा रहा है। सरकार की तरफ से इस घटना पर दुख जताया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस लाइन्स इलाके में मस्जिद के अंदर दोपहर करीब 1.40 बजे शक्तिशाली विस्फोट हुआ था।
उस वक्त नमाजी मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि अग्रिम पंक्ति में मौजूद आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिससे छत नमाजियों पर गिर गई।
पुलिस अधिकारी (सीसीपीओ) पेशावर मोहम्मद एजाज खान ने जियो टीवी को बताया कि विस्फोट एक आत्मघाती हमला है। संदिग्ध हमलावर का सिर घटनास्थल से बरामद किया गया है।
सरकारी गाड़ी में पहुंचा था हमलावर
जियो टीवी ने एजाज खान के हवाले से कहा, “यह संभव है कि हमलावर विस्फोट से पहले ही पुलिस लाइन में मौजूद था और उसने एक आधिकारिक वाहन का इस्तेमाल किया हो।”
खान ने कहा कि बचाव अभियान समाप्त होने के बाद विस्फोट की सही प्रकृति का पता चलेगा। उधर, खैबर पख्तूनख्वा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मुहम्मद आजम खान ने मंगलवार को हमले के बाद प्रांत में एक दिन के शोक की घोषणा की।
टीटीपी ने ली हमले की जिम्मेदारी
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), जिसे पाकिस्तानी तालिबान के रूप में जाना जाता है, ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि यह पिछले अगस्त में अफगानिस्तान में मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के बदले में किए गए हमले का हिस्सा था।
इस हमले ने दुनिया भर में स्तब्ध कर दिया और व्यापक रूप से निंदा की गई है। भारत की तरफ से भी इस हमले की निंदा की गई है। साथ ही भारत ने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।