दक्षिण अमेरिकी देश मेडागस्कर में तूफान ‘चेनसो’ के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन की वजह भारी तबाही मची है।
इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने से 30 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य लापता है, जबकि हिंद महासागर के इस द्वीपीय देश में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
यह जानकारी सोमवार के अस्थायी आकलन के बाद दी गई। मेडागस्कर के राष्ट्रीय संकट और आपदा प्रबंधन कार्यालय ने बताया कि तूफान बीते गुरुवार को द्वीपीय देश के पूर्वोत्तर तट से टकराया था और इससे करीब 89 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।
मेडागास्कर की मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि तूफान अब देश को पार कर मोजाम्बिक चैनल में प्रवेश कर चुका है।
इसकी वजह से 170 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार की हवाएं चली थी और मूसलाधार बारिश हुई थी।
संकट और आपदा कार्यालय के कर्नल फाले एरिटियाना ने बताया कि तूफान की वजह से मकान ध्वस्त होने और भूस्खलन की घटना हुई जिनके मलबे में कई लोग फंस गए।
33 हजार लोगों को छोड़ना पड़ा अपना घर
तूफान की वजह से इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा है और कई सड़के बह गई हैं और कई पुल गिर गए हैं।
करीब 33 हजार लोगों को बोइनी क्षेत्र में अपना घर छोड़ना पड़ा है। कुछ दिनों पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा था कि दुनिया विभिन्न मोर्चों पर भीषण तूफानों का सामना कर रही है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल हम सिर्फ साथ मिलकर ही इससे होने वाने नुकसान में कमी लाने की दिशा में काम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम टुकड़ों में बंटी अपनी दुनिया के बीच साझेदारी व सहयोग का रास्ता तलाशें।
गुतारेस ने कहा, ‘आने वाला हर सप्ताह जलवायु संबंधी नई आपदाएं लेकर आ रहा है। ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन उच्च स्तर पर है।
वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने का संकल्प पूरा नहीं हो पा रहा है। कोई कदम उठाए बगैर हम 2.8 डिग्री सेल्सियस तापमान वृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं।
इतना सब कुछ झेलने के बाद भी हमने महामारी में वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य का सबक नहीं सीखा है। हम भविष्य में आने वाली महामारियों के लिए बिलकुल तैयार नहीं हैं।’