राज्यपाल मंगुभाई पटेल रविवार को राजधानी में ”बीटिंग द रिट्रीट” सेरेमनी में शामिल हुए। मोती लाल नेहरू स्टेडियम, भोपाल में सेरेमनी का आयोजन किया गया।
पुलिस और सेना के 150 जवानों के बैडों ने देश प्रेम की हिलोरें पैदा करती, राष्ट्रभक्ति पूर्ण गीतों की रोमांचक धुनें और सुर ताल के साथ कदम ताल करते हुए मार्चपास्ट की प्रस्तुति दी।
पाश्चात्य और भारतीय संगीत के सम्मिश्रण की मीठी धुनों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ”बीटिंग द रिट्रीट” सेरेमनी समापन बेला में संपूर्ण स्टेडियम सतरंगी रोशनी में सराबोर हो गया। इसी बीच बहुरंगी आतिशबाजी से जमीन से लेकर आसमान तक सुहाने रंग बिखरे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल को सम्मान प्रकट करने के साथ बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम की शुरूआत हुई। मध्यप्रदेश पुलिस के ब्रास बैंड, मास्ड बैंड, पाइप बैंड और आर्मी बैंड ने सामूहिक वादन की मनोहारी प्रस्तुति दी। प्रस्तुतियों के बीच आकर्षक मार्चपास्ट ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पुलिस ब्रास बैण्ड द्वारा बैंड कॉन्सर्ट में देशभक्ति, भारतीय शास्त्रीय संगीत, भारतीय राग एवं पाश्चात्य क्लासिकल संगीत की मनोहारी धुनें निकाली गईं। इसी कड़ी में हिन्दी फिल्मों के गीतों की धुनों की सुमधुर संगीतमय प्रस्तुति दी गईं।
इसके बाद सभी बैण्डों द्वारा मार्चपास्ट करते हुए बैण्डवार सामूहिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। निरीक्षक सुनील कटारे के नेतृत्व में पुलिस ब्रास बैण्ड की संगीतमयी प्रस्तुतियां हुईं।
सेना के महार रेजिमेंट सागर के आर्मी पाइप बैंड ने आकर्षक मार्चपास्ट की प्रस्तुति दी। अंत में संयुक्त रूप से बैण्ड ने ” सारे जहाँ से अच्छा” की धुन पर मार्चपास्ट किया।
ज्ञात हो ”बीटिंग द रिट्रीट” का आयोजन अर्ध सैन्य बलों की एक सुदीर्घ प्राचीन परंपरा है। जब युद्ध के बाद सैन्य टुकड़ियाँ वापस अपने कैम्पों में आती थीं, तब युद्ध के तनाव को कम करने के लिए मनोरंजक बैण्ड वादन का कार्यक्रम रखा जाता था।
भारत में इस कार्यक्रम के साथ ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का औपचारिक समापन होता है। देश में ’’बीटिंग द रिट्रीट’’ कार्यक्रम करने वाला मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है, जहाँ प्रतिवर्ष 29 जनवरी को पुलिस द्वारा राजधानी भोपाल में कार्यक्रम किया जाता है।
”बीटिंग द रिट्रीट” सेरेमनी में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, महानिेदेशक पुलिस सुधीर सक्सेना सहित वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।