प्रवीण नंगिया (ज्योतिष सकह्कार):
धार्मिक मान्यतानुसार जिसपर मां लक्ष्मी का हाथ हो उसे आर्थिक दिक्कतें नहीं घेर पातीं।
माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। जिस जातक पर मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) की कृपा हो या जिस घर में वे विराजित हों उस घर के लिए सुख-समृद्धि के द्वार खुल जाते हैं।
इस चलते भक्त इन कोशिशों में लगे रहते हैं कि किसी ना किसी तरह मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर दें। यूं तो हफ्ते के पांचवे दिन यानी शुक्रवार के दिन को देवी लक्ष्मी को समर्पित किया गया है और उनकी इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, परंतु मान्यतानुसार हफ्ते के किसी भी दिन मां लक्ष्मी की आराधना से फल की प्राप्ति हो सकती है।
यहां जानिए किस तरह माता लक्ष्मी का चित्त प्रसन्न किया जा सकता है।
कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्रों (Lakshmi Mantra) का जाप किया जा सकता है।
लक्ष्मी बीज मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥, लक्ष्मी गायत्री मंत्र ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥ और महालक्ष्मी मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ पढ़े जा सकते हैं।
रखें स्वच्छता
जिस घर में साफ-सफाई अथवा स्वच्छता रहती है वहां मां लक्ष्मी विराजती हैं। स्वच्छ स्थान पर ही मां लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में घर को और खासकर मां लक्ष्मी के पूजास्थल को साफ रखा जाना चाहिए।
गोधूलि बेला में पूजा
शाम को सूर्यास्त के समय को गोधूलि बेला कहा जाता है। गोधूलि का अर्थ होता है गाय के पैरों से उठने वाली धूल। शाम के समय ही गाय चारा चरकर घर की ओर प्रस्थान करती है, इसलिए इसे गोधूलि बेला कहते हैं। इस समय मां लक्ष्मी की पूजा (Lakshmi Puja) करना शुभ होता है।
घी के दीये
मां लक्ष्मी के समक्ष घी के दीये जलाना भी अच्छा होता है। कहते हैं इससे मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न भी होती हैं।
शंख बजाना
मां लक्ष्मी की पूजा में शंख बजाने की विशेष मान्यता है। शंख (Shankh) को मां लक्ष्मी की पूजा से पहले बजाना खासकर शुभ होता है।
श्रीफल
नारियल को श्रीफल (Shrifal) यानी श्री का फल कहा जाता है। श्री का अर्थ लक्ष्मी होता है। इस चलते मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए नारियल को पूजा में रखना अच्छा होता है। इसके अलावा, मां लक्ष्मी के भोग व प्रसाद में भी नारियल शामिल कर सकते हैं।
झाड़ू का अनादर ना करना
माना जाता है कि झाड़ू मां लक्ष्मी का स्वरूप होता है जिस चलते झाड़ू के अनादर को मां लक्ष्मी का अनादर समझा जाता है। झाड़ू को सही तरह से रखना इस चलते अनिवार्य होता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। वार्ता 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)