बॉलिवुड की ‘थ्री ईडियट्स’ फिल्म जिनके जीवन से प्रभावित होकर बनाई गई थी, उनका दावा है कि पर्यावरण संबंधी प्रदर्शन के लिए उन्हें नजरबंद कर दिया गया।
बता दें कि लद्दाख के इंजीनियर और इनोवेटर सोनम वांगचुक ने कुछ दिन पहले ही लद्दाख की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी का पत्र लिखा था और इके बाद पांच दिन का ‘क्लाइमेट फास्ट’ करने लगे थे।
सोनम वांगचुक इंजीनियर से शिक्षाविद् और इनोवेटर बन गए हैं जो कि प्रकृति की सुरक्षा के लिए काम करते हैं।
उन्होंने दावा किया है कि लद्दाख प्रशासन ने हिमालयन इस्टिट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स (HAIL) में नजरबंद कर दिया है।
वह HAIL परिसर में ही अनशन क रहे थे। पहले उन्होंने कहा था कि वह 18000 फीट की ऊंचाई पर खारदुंगला दर्रे के पास में अनशन करेंगे। सर्दयों में वहां का तापमान -40 डिग्री तक पहुंच जाता है।
पहले भी वांगचुक ने अपनी तस्वीरें पोस्ट की थीं और बताया था कि उनके इर्द-गिर्द पुलिस मौजूद है लेकिन वह उनकी सुरक्षा के लिए है। अब उन्होंने दावा किया है कि प्रशासन ने उन्हें अनशन खत्म करने को कहा है और उन्हें खारदुंग ला पर भी चढ़ने नहीं दिया गया।
वांगचुक ने कहा, लद्दाख में 95 फीसदी आदिवासी जनंसख्या रहती है। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया था कि इसे आदिवासी इलाका घोषित कर दिया जाए।
बाद में उन्होंने दावा किया कि लद्दाख प्रशासन उनपर एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने को कह रहा है। इस बॉन्ड में कहा गया है कि वह भविष्य में किसी तरह के प्रदर्शन में नहीं शामिल होंगे।
उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम मोदी और अमित शाह को भी टैग किया और कहा, मैं दुनियाभर के वकीलों का आह्वान करता हूं।
लद्दाख प्रशासन चाहता है कि मैं स बॉन्ड पर साइन करूं जबकि मैं केवल प्रार्थना और अनशन ही कर रहा हूं। कृपया बताइए कि यह कितना सही है? क्या मुझे चुप हो जाना चाहिए? मैं गिरफ्तारी की परवाह नहीं करता।