क्यों बेटे को IIT का सपना दिखाने वाली मां को है अफसोस? IIT खड़गपुर परिवार को दे गया न भरने वाले हजारों जख्म…

एक साल पहले IIT खड़गपुर (IIT Kharagpur) में आत्महत्या करने वाले एक छात्र की मां को अब अफ़सोस है कि उन्होंने अपने बेटे के अंदर IIT जाने का सपना क्यों भरा था।

साल 2020 में 22 साल के फैजान अहमद का सपना तब सच हुआ, जब वह IIT खड़गपुर के लिए रवाना हुए।

हालांकि कई कारणों के चलते फैजान ने अपने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या (Suicide) कर ली। फैजान के परिजनों का आरोप है कि बेटे की हत्या की गई थी।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) के तीसरे वर्ष के छात्र फैजान का शव छात्रों को 14 अक्टूबर को एक छात्रावास (Hostel) के कमरे में मिला था, जिस कमरे में फैजान का शव मिला था, वह उसे आवंटित नहीं हुआ था।

घटना को याद करते हुए फैजान की मां ने बताया कि 14 अक्टूबर, 2022 को रेहाना को फोन आया कि उनके बेटे की मौत हो गई है।

मां ने कहा कि आठ महीने पहले, फैजान ने अपने छात्रावास के वार्डन को शिकायत करते हुए लिखा था कि वरिष्ठ छात्रों द्वारा इंटरव्यू करने के नाम पर उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया था।

उन्होंने वार्डन से इस मुद्दे को तुरंत देखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। मां के अनुसार उन्होंने जब फैजान से बात की तो वह काफी खुश था।

परिजनों ने लगाया रैगिंग का आरोप
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक फैजान की मौत आत्महत्या से हुई है। संस्थान ने अब तक मृत्यु की प्रकृति पर कोई टिप्पणी नहीं की है और इस पर कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है।

हालांकि, उनके परिवार ने यह कहते हुए हत्या का आरोप लगाया है कि फैजान की कैंपस में रैगिंग की गई थी।

उन्होंने पुलिस जांच और आईआईटी अधिकारियों द्वारा मामले को संभालने पर असंतोष व्यक्त किया है।

31 अक्टूबर को, परिवार ने मामले को एक विशेष जांच दल को स्थानांतरित करने की अपील के साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया।

मामले पर खड़गपुर टाउन पुलिस स्टेशन के प्रभारी बिश्वरंजन बनर्जी ने बताया कि परिवार की शिकायत के आधार पर, आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। कोर्ट ने पुलिस की जांच की स्थिति जानने के लिए छह फरवरी की तारीख तय की है।

मां ने बेटे की आंखों में भरा सपना
फैजान की मां ने बताया कि एक कॉलेज में काम करने के दौरान उन्हें एक प्रोफेसर ने IIT के बारे में बताया था।

इसके बाद घर वापस जाकर फैजान को इसके बारे में उन्होंने अपने बेटे को बताया था।

मां ने कहा, ‘मैं ही थी जिसने, फैजान को आईआईटी का सपना दिया और फैजान ने निश्चित रूप से आगे बढ़कर इसे हासिल किया। हालांकि अब वह अपने बेटे को याद कर बेहद भावुक हो जाती हैं।’

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