छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले सांसद विजय बघेल ने सनातन धर्म को लेकर कही बड़ी बात:कहा- हमारा एक ही हिंदू राष्ट्र, वहां भी सिर्फ सनातनियों पर ही सवाल क्यों…

प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर जारी बवाल के बीच दुर्ग सांसद विजय बघेल ने बयान दिया है कि हमारा भारत एक मात्र हिंदू राष्ट्र है, उसे तो छोड़ दो।

अपने ही राष्ट्र में सिर्फ सनातन धर्म के आवलंबियों की निष्ठा पर सवाल क्यों उठाए जाते हैं। केवल उन्हें अपनी सत्य के लिए अग्नि परीक्षा क्यों देनी पड़ती है।

उन्होंने कहा कि सभी धर्मावलंबियों को अपने धर्म की रक्षा करने का अधिकार है। हम हिंदू हैं और हमें भी अपने सनातन धर्म का सम्मान और उसकी रक्षा करनी चाहिए।

सांसद विजय बघेल 21 हजार भक्तों के साथ 28 जनवरी को शाम 3 बजे से जयंती स्टेडियम के सामने सुंदरकांड का आयोजन कर रहे हैं।

इस आयोजन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन सर्व कल्याणार्थ के लिए है। उन्होंने 21 हजार भक्तों की उपस्थिति में इस आयोजन को करने का संकल्प लिया है।

इसके लिए सभी लोगों के रजिस्ट्रेशन भी कराए जा रहे हैं।

धर्म परिवर्तन और सनातन धर्म की रक्षा को लेकर पूछे गए सवाल पर सांसद बघेल ने कहा कि यह समाज में एक कैंसर की तरह है।

जहर है, इसे फैलने नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है सामाजिक और धार्मिक एकता।

हर धर्म के लोग अपने धर्म और समाज के प्रति श्रद्धावान रहें, साथ ही साथ दूसरे धर्म के प्रति भी सम्मान रखें। एक दूसरे के धर्म को तोड़ने का प्रयास न करें।

कहा बागेश्वर धाम के बारे में सुना हूं, अभी मिला नहीं
बागेश्वर धाम के महराज पंडित धीरेंद्र कष्ण शास्त्री की विद्वता और सिद्धी को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में सांसद ने कुछ भी बोलने से मना किया।

उन्होंने कहा कि वो अभी उन्हें जानते ही नहीं। सुना है कि वो रायपुर आए हैं। उनके ऊपर कई तरह के सवाल उठे हैं। वो जब उनसे मिलेंगे उसके बारे जानेंगे तभी कुछ कह पाएंगे।

हालांकि सांसद ने यह भी कहा कि वो एक धार्मिक आयोजन कर रहे हैं। उसके बारे में बात करें। उन्हें किसी भी तरह के विवादित मुद्दे पर कुछ नहीं बोलना।

छत्तीसगढ़िया और गैर छत्तीसगढ़िया बोलने वालों को बताया गलत
सांसद ने राज्य में रह रहे लोगों को भी चेताया। उन्होंने कहा कि कभी भी छत्तीसगढ़िया और गैर छत्तीसगढ़िया नहीं करना चाहिए।

छत्तीसगढ़ हिंदुस्तान का अंग है। यहां चाहे कोई 100 साल पहले आया हो या 100 दिन पहले कोई बाहरी भीतरी भेदभाव नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि असली छत्तीसगढ़िया वही है, जो छत्तीसगढ़ का सम्मान करे। छत्तीसगढ़ के मान को अपना मान समझे और अपमान को अपना अपमान समझे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsaap