रीपा में स्थानीय युवकों की मंशा के अनुरूप उद्योग स्थापित किए जाएं।
गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 8 करोड़ 03 लाख रूपए की राशि का अंतरण।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गौठानों में विकसित किए जा रहे ‘रूरल इंडस्ट्रियल पार्क‘ में स्थानीय युवकों की मंशा के अनुसार उद्योग स्थापित किए जाएं, इससे युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी, यह भी ध्यान रखा जाए कि तैयार किए जा रहे उत्पादों की बाजार में अच्छी डिमांड हो। उन्होंने कहा कि गौठानों में ऐसे उद्योग स्थापित हो रहे है, जिनसे प्रदूषण नहीं होता।
युवाओं और परंपरागत शिल्पकारों को इसमें रोजगार मिल रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश में धान की अच्छी पैदावार और धान के समर्थन मूल्य पर बड़े पैमाने पर विक्रय के लिए किसानों को बधाई दी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 8 करोड़ 03 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नए-नए रिकार्ड बन रहे हैं। अब तक 103 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी हो चुकी है, 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य भी पर हो जाएगा।
गोधन न्याय योजना में गोबर विक्रेताओं को योजना के प्रारम्भ से लेकर आज दी गई 60 वीं किश्त को मिलाकर 201 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री बघेल ने 1 जनवरी से 15 जनवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख किं्वटल गोबर के एवज में उनके खाते में 4 करोड़ 27 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की।
इसी प्रकार गौठान समितियों को 2.23 करोड़ रुपए और महिला समूहों के खाते में 01 करोड़ 53 लाख रूपए की लाभांश राशि अंतरित की।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 20 जुलाई 2020 से गोधन योजना की शुरुआत हुई।योजना में 2 रुपए प्रति किलो की दर से अब तक 100.86 लाख क्टविनटल गोबर की खरीदी की गई।
गोबर विक्रेताओं को अब तक किया गया 201.72 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 175.64 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।
इस तरह गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 395.35 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
इस पखवाड़े भी स्वावलंबी गौठनों ने गोबर खरीदी में अधिक राशि दी। इस बार भी 1 से 15 जनवरी 2023 पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिए प्रदेश के स्वावलंबी गौठनों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया।
गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई 4.27 करोड़ रुपए की राशि में से 2.52 करोड़ रुपए का भुगतान 4690 स्वावलंबी गौठानों ने अपने संसाधनों से और 1.75 करोड़ रूपए का भुगतान कृषि विभाग द्वारा किया गया। स्वावलंबी गौठनों द्वारा अब तक 37.71 करोड़ रुपए के गोबर की खरीदी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के साथ साथ गोबर से बिजली और प्राकृतिक पेंट तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में रायपुर में 2, दुर्ग और कांकेर जिले में 01-01 प्राकृतिक पेंट बनाने की यूनिट में उत्पादन शुरू हो रहा है।
अब तक 9709 लीटर उत्पादित प्रकृतिक पेंट में से 4854 लीटर की बिक्री से 11 लाख 19 हजार 903 रुपए की आमदनी हुई। गौठनों में अब तक 4 रुपए लीटर में खरीदे गए 1 लाख 20 हजार 171 लीटर गौमूत्र से बनाए गये कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और वृद्धिवर्धक जीवामृत की बिक्री से महिला स्व सहायता समूहों को हुई 23.98 लाख रूपए की आय हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरा दान की अपील पर किसानों ने गौठनों में किया 15.68 लाख किं्वटल पैरा दान किया। उन्होंने इसके लिए किसानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गोबर से अब तक 27 लाख किं्वटल से अधिक कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया।
गोधन न्याय योजना से 3 लाख 98 हजार से अधिक ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं। राज्य में स्वीकृत 10 हजार 921 गौठनों में से 9596 गौठान निर्मित हो चुके हैं। गौठनों में आय मूलक गतिविधियों से महिला स्व-सहायता समूह को अच्छा लाभ हो रहा है।
महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। महिला समूहों ने आयमूूलक गतिविधियों से अब तक 105.18 करोड़ रुपए की आय अर्जित की है।
गौठनों में 11 हजार 477 महिला स्व-सहायता समूहों की 1 लाख 31 हजार 898 महिलाएं कार्यरत हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन अयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के संचालक डॉ. अयाज तंबोली, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन संचालक अवनीश शरण, संचालक पशुधन श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी, कृषि विभाग के उप सचिव श्रीमती तुलिका प्रजापति भी उपस्थित थीं।