मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में अमर शहीद गैंदसिंह के शहादत दिवस पर उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ में आजादी का बिगुल फूंकने वाले अमर शहीद गैंद सिंह को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सन् 1857 में हुए देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से काफी पहले ही अंग्रेजों की गुलामी और शोषण के विरूद्ध आवाज उठाई थी।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बस्तर के अबूझमाड़िया भाई-बहनों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले नेतृत्वकर्ता जमींदार गैंदसिंह को 20 जनवरी सन् 1825 को परलकोट के महल के सामने फांसी दी गई थी।
अपने स्वाभिमान तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए गैंदसिंह शहीद हो गए। परलकोट के मुक्ति आंदोलन के नायक गैंदसिंह जी के देश प्रेम और मातृभूमि की मुक्ति के लिए अदम्य शौर्य और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, विधायक खेलसाय सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।