उड़ती फ्लाइट में पेशाब कांड को लेकर एयर इंडिया हाल के दिनों में सुर्खियों में है।
यह मामला भले ही एक महीने के बाद उजागर हुआ हो, लेकिन कंपनी के टॉप मैनेजमेंट को इसकी जानकारी इस घटना के कुछ घंटों के बाद ही हो गई थी।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने एक ई-मेल की समीक्षा करने के बाद इसका खुलासा किया है। एचटी के मुताबिक, 26 नवंबर को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-102 पर हुई घटना के बारे में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर कैंपबेल लिल्सन सहित टॉप मैनेजमेंट को इसकी जानकारी कुछ ही घंटों के बाद हो गई थी।
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि इस शर्मनाक घटना को इतने दिनों तक छुपाकर क्यों रखा गया? आरोपी के खिलाफ आखिर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
कंपनी ने पहले दावा किया था कि फ्लाइट में मौजूद पायलट के द्वारा इस घटना की जानकारी देरी से दी गई थी।
वहीं, एचटी ने जिन इमेल थ्रेड को देखा है उसके मुताबिक इनफ्लाइट सर्विस डिपार्टमेंट (आईएफएसडी) के प्रमुख, भारत में बेस ऑपरेशंस, आईएफएसडी के लीड एचआर हेड, आईएफएसडी के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख और शिकायतों (कस्टमर केयर) के प्रमुख को केबिन क्रू पर्यवेक्षक के द्वारा 27 नवंबर को ही मेल भेजे गए थे।
आपको बता दें कि डीजीसीए ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
वहीं, न्यूयॉर्क-दिल्ली फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस निलंबित करते हुए उनके खिलाफ 3 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 नवंबर को दोपहर 1 बजे करीब फ्लाइट लैंड की। इसके बाद दोपहर 3.46 बजे आईएफएसडी के प्रमुख संदीप वर्मा को पहले मेल भेजा गया।
उन्होंने इस मेल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “ठीक है, नोट किया”। उसी शाम महिला यात्री के दामाद ने विल्सन और और कस्टमर केयर के प्रमुख को भी एक एक ई-मेल भेजा।
आपको बता दें कि 4 जनवरी 2023 को पहली बार इस घटना का उजागर हुआ। उस समय एयर इंडिया ने कहा था डीजीसीए को मामले की सूचना देने में देरी इसलिए हुई क्योंकि चालक दल ने समय पर इसकी सूचना नहीं दी थी।
एयर इंडिया ने 4 जनवरी को जारी एक बयान में कहा, “हमने एयर इंडिया के चालक दल की चूक की जांच करने और इस मामले को तुरंत संभालने में हुई देरी को दूर करने के लिए एक आंतरिक समिति का भी गठन किया है।”
डीजीसीए ने नोटिस जारी कर एयरलाइन और चालक दल से स्पष्टीकरण मांगा है।
शुक्रवार को डीजीसीए के द्वारा पायलट के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर पायलट यूनियनों ने नाराजगी जताई है।