सोवियत रूस से अलग हुए देश एस्टोनिया ने गुरुवार को कहा कि वह युद्धग्रस्त यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का एक प्रतिशत से अधिक रकम उपलब्ध कराएगा।
एस्टोनिया ने इसके पीछे तर्क दिया कि पड़ोसी राष्ट्र को बड़े पैमाने पर हथियारों की सहायता की जरूरत है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की उस अपील के बाद ये फैसला लिया गया है, जिसमें उन्होंने रूस से लड़ने के लिए और अधिक भारी हथियारों की मांग पश्चिमी सहयोगी देशों से की है।
छोटे बाल्टिक देश ने उसे सी प्रभावित होकर यूक्रेन को इतनी बड़ी मदद देने की हामी भरी है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की उस अपील के बाद ये फैसला लिया गया है, जिसमें उन्होंने रूस से लड़ने के लिए और अधिक भारी हथियारों की मांग पश्चिमी सहयोगी देशों से की है।
छोटे बाल्टिक देश ने उसे सी प्रभावित होकर यूक्रेन को इतनी बड़ी मदद देने की हामी भरी है।
केवल 1.3 मिलियन लोगों की आबादी वाले पूर्व सोवियत देश ने पिछले साल फरवरी में रूस के आक्रमण के बाद से ही यूक्रेन को अपना कट्टर समर्थन देना जारी रखा है।
कील इंस्टीट्यूट फॉर द वर्ल्ड इकोनॉमी की पिछले महीने की एक रिपोर्ट के अनुसार, एस्टोनिया ने दुनिया के किसी भी देश की जीडीपी के मामले में सबसे अधिक सरकारी सहायता यूक्रेन को दी है।
संस्थान ने कहा कि नवंबर के अंत तक एस्टोनिया ने यूक्रेन को न केवल सैन्य समर्थन बल्कि मानवीय और वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई है।
इससे उसका योगदान सकल घरेलू उत्पाद का 1.1% पर पहुंच चुका था।