फूड फेस्टिवल संगोष्ठियों से आमजनों को किया जाएगा जागरूक
26 जनवरी पर सभी ग्राम सभाओं में मिलेट्स की उपयोगिता पर होगा विशेष वाचन
वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पारम्परिक रूप से मिलेट्स की खेती की जाती है। प्रदेश में मिलेट्स से उत्पादन की संभावना के मद्देनजर मिलेट्स मिशन चलाया जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में जनवरी से दिसम्बर तक मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है।
छत्तीसगढ़ में इसी तरह फूड फेस्टिवल, मेला तथा संगोष्ठियां तथा अन्य प्रचार के माध्यम से किसानों और आमजनों को मिलेट्स के प्रति जागरूक किया जाएगा जिसकी कार्ययोजना बनाई गई है।
राज्य के सभी ग्राम सभाओं में आगामी 26 जनवरी को ‘पौष्टिक लघु धान्य अनाजों का दैनिक आहार में महत्व’ पर विशेष रूप से वाचन किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष प्रारूप भी तैयार किया गया है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डाॅ. कमल प्रीत सिंह ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलें के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। इसके साथ ही प्रति माह की कार्ययोजना भी दी गई है। इसके अंतर्गत जनवरी महिने की 7,14,21 और 28 तारीख को हाई और हायर सेकण्डरी स्कूल के बच्चों के लिए मिलेट्स के उपयोगिता पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों द्वारा अपना उद्धबोधन दिया जाएगा। इसी तरह 10 से 15 जनवरी के मध्य कलस्टर स्तर पर और 28 से 30 जनवरी के मध्य राज्य स्तर पर शासकीय चिकित्सालयों में फ्लैक्स, होर्डिग इत्यादि प्रचार के माध्यमों से मिलेट्स के उपयोगिता के बारे में जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। इसी कड़ी में 13 से 30 जनवरी के मध्य प्रदेश के सभी 22 कृषि विज्ञान केन्द्रों में लगभग 550 किसानों का पोस्ट हार्वेस्ट मेनेजमेंट आॅफ मिलेट्स विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। 20 जनवरी को विशेष रूप से बस्तर में और 28 जनवरी को राजनांदगांव जिला स्तर पर मिलेट्स पर आधारित गतिविधियां जैसे मेला, फूड फेस्टिवल इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।