हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद अब राजस्थान में भी इसको लेकर चर्चा जोरों पर है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाली के अपने फैसले पर अडिग है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी राज्य सरकार का एक अभिन्न अंग हैं और सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचाने में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
सीएम गहलोत ने शासन सचिवालय में कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित किया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछले चार सालों में कर्मचारी कल्याण में अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए मानवीय दृष्टिकोण से हमने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू किया।
ओपीएस लागू होने से कर्मचारी भविष्य की चिंता से मुक्त होकर जिम्मेदारी के साथ कार्य कर सकेंगे।
ओपीएस के फैसले पर राज्य सरकार अडिग: गहलोत
इसके अनुसार गहलोत ने कहा कि ओपीएस के फैसले पर राज्य सरकार अडिग है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं के निचले स्तर तक प्रभावी क्रियान्वयन में कर्मचारी एक अहम कड़ी के रूप में कार्य करते हैं और हमारी सरकार राज्य कर्मचारियों के हित में निरंतर कार्य कर रही है।
‘सरकार और कर्मचारियों के बीच होना चाहिए संवाद’
गहलोत ने कहा कि सरकार और कर्मचारियों के बीच लगातार संवाद होना चाहिए। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकार की सुशासन की अवधारणा प्रभावित होती है और आम आदमी के काम में अनावश्यक देरी होती है।
उन्होंने कहा कि संवाद स्थापित कर विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समयबद्ध तरीके से आसानी से समाधान किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी संगठन अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से आगामी बजट को समावेशी एवं लोक कल्याणकारी बना सकते हैं।
बजट के लिए राज्य सरकार सभी वर्गों के प्रतिनिधियों से सुझाव ले रही है।