शंकरा स्कूल की एक महिला टीचर ने कार से स्पोर्ट्स कोच को मारी टक्कर, सेक्टर-9 अस्पताल में ढाई घंटे तक तड़पते रहने के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा गया रायपुर…

शंकरा स्कूल की एक महिला टीचर ने लापरवाही से कार चलाते हुए बीएसपी के स्पोर्ट्स कोच को टक्कर मार दी।

मौके पर मौजूद लोगों ने घायल को सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन वहां न्यूरो सर्जन न होने से उन्हें रायपुर रेफर करना पड़ा।

इस दौरान फोन करने के बाद भी ढई घंटे देरी से एंबुलेंस अस्पताल पहुंची। इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर तैयार करके मरीज को 30 मिनट में रायपुर पहुंचाया गया।

वहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक पंत स्टेडियम में बीएसपी गोल्डन जुबली बॉलीवाल प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।

इसमें पूरे भारत से आई टीमें भाग ले रही हैं। इन सभी टीमों की भिलाई निवास में मैनेजर्स मीटिंग थी।

इस मीटिंग में शामिल होने बुधवार सुबह 11 बजे के करीब बीएसपी के स्पोर्ट्स कोच कृष्णा कुमार दसमाना भी स्कूटी से जा रहे थे।

इसी दौरान शंकरा स्कूल सेक्टर 1 की टीचर लापरवाही और तेज रफ्तार कार चलाती हुई आई और दसमाना को टक्कर मार दी।

आसपास मौजूद लोगों ने महिला टीचर को पकड़कर उन्हीं की कार से घायल को सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचाया।

वहां हालत गंभीर होने पर उन्हें रायपुर स्थित श्रीनारायणा हॉस्पिटल रेफर करने का फैसला किया गया। लेकिन एंबुलेंस अस्पताल में ढाई घंटे देरी से पहुंची।

इसके बाद सीएसपी निखिल राखेचा के मार्गदर्शन में ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया और मरीज को आधे घंटे में रायपुर पहुंचा गया।

बॉक्सिंग के जानेमाने कोच हैं दसमाना
घायल कृष्णा कुमार दसमाना इंटरनेशनल बॉक्सिंग में स्पोर्ट्स कोच रह चुके हैं। उन्हें बीएसपी अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक बहुत मानते हैं।

जैसे ही लोगों को उनके एक्सीडेंट की सूचना मिली सेक्टर 9 अस्पताल में टूट पड़े।
हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जन के पदस्थापना की हुई मांग
सेक्टर 9 अस्पताल में न्यूरो सर्जन न होने से दसमाना का इलाज यहां नहीं हो पाया। उनकी गंभीर हालत और इलाज की सुविधा न मिलने से लोगों में काफी नाराजगी दिखी।

लोगों ने बीएसपी प्रबंधन से अस्पताल में एक न्यूरो सर्जन की पदस्थाना की मांग की। भिलाई इस्पात मजदूर संघ के कार्यकारी अध्यक्ष चन्ना केशवलू का कहना है कि बीएसपी प्रबंधन मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है।

उनकी यूनियन इसका विरोध करती है। बीएसपी के इतने बड़े अस्पताल में एक न्यूरो का डॉक्टर नहीं है। बीएसपी को इस बारे में सोचना चाहिए।

उनकी लापरवाही से हर दिन सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को समय पर उपचार न मिल पाने से उनकी मौत हो रही है।

उन्होंने कहा कि बीएसपी जल्द मांग को पूरा करे नहीं तो ये मांग आंदोलन में बदल जाएगा।

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