जी-20 के विशेष थिंक-20 कार्यक्रम में शामिल होने आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मंगलवार को भ्रमण के लिए रायसेन जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन-स्थल साँची पहुँचे। सभी अतिथि स्तूप देख कर अभिभूत हुए और इसे विश्व शांति की भूमि बताया।
जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के स्तूप परिसर में पहुँचने पर सभी का भारतीय संस्कृति अनुसार चंदन का तिलक लगा कर तथा पुष्प भेंट कर भव्य स्वागत किया गया।
जी-20 प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए स्तूप के प्रवेश द्वार पर आकर्षक रंगोली बनाई गई तथा विशेष साज-सज्जा भी की गई।
शांति का टापू कहे जाने वाले साँची में हुए आत्मीय स्वागत से सभी प्रतिनिधि अभिभूत हो गए। यहाँ स्कूली बच्चों ने भी बैंड की धुन बजा कर और जयहिंद का घोष कर अतिथियों का स्वागत किया।
जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने साँची स्तूप परिसर में बौद्ध स्तूपों सहित अन्य धरोहरों को देखा तथा उनकी सुंदरता, बनावट और स्थापत्य शैली देख कर मंत्रमुग्ध हो गए।
बौद्ध स्तूपों के साथ ही साँची के नैसर्गिक सौंदर्य ने भी उन्हें आकर्षित किया। इस दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों द्वारा भगवान बौद्ध की शिक्षाओं और सम्राट अशोक के संदेशों से अवगत करवाया गया।
साथ ही साँची स्तूपों की स्थापत्य शैली, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की जानकारी दी गयी।
साँची स्तूप परिसर में जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष ख्याति प्राप्त बांसुरी वादक श्री वीरेन्द्र कोरे द्वारा विभिन्न भाषाओं में बांसुरी का गायन तथा बांसुरी से पक्षियों की आवाज की प्रस्तुति दी गई।
साथ ही भारत के ख्याति प्राप्त आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के कलाकारों तथा एआईआर के ए ग्रेड कलाकार तबला वादक मो. नईम, शाहिद मासूम जी, वसीम मासूम जी द्वारा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी गई।